हरिद्वार समाचार- श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर म.म.स्वामी कैलाशानंद ब्रह्मचारी महाराज ने स्केप चैनल शासनादेश रद्द किए जाने पर उत्तराखण्ड सरकार का आभार जताया है। नीलधारा तट स्थित श्री दक्षिण काली मंदिर में प्रैस बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि पतित पावनी मां गंगा जग की पालनहार है। जो युगों युगों से अविरल व निर्मल बहकर प्राणीमात्र का उद्धार करती चली आ रही है। गंगा जल का आचमन करने मात्र से सही मनुष्य का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। स्केप चैनल आदेश पारित होने के बाद करोड़ो श्रद्धालु भक्तों के मन में भ्रम की स्थिति पैदा हो गयी थी। जिसे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने रद्द कर संतों को सम्मान दिया है। गंगा की अविरलता व स्वच्छता को लेकर सभी को मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। कुंभ मेले में लाखों करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु भक्त गंगा में डुबकी लगाने पहंुचते हैं। ऐसे में गंगा के प्रदूषण को नियंत्रित करने में सभी की सहभागिता जरूरी है। सामाजिक संगठनों, व्यापारियेा, तीर्थ पुरोहित समाज के अलावा स्कूल कालेजों के छात्र छात्राओं को भी गंगा की अविरलता स्वच्छता बनाए रखने के लिए नैतिकता के आधार पर अपना सहयोग करना चाहिए। यज्ञ पीठाधीश्वर राष्ट्रीय संत म.म.स्वामी इंद्रदेवेश्रानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि महाकुंभ मेले में गंगा घाटों पर धार्मिक कलाकृति बनायी जाएं। जिससे स्नान करने वाले श्रद्धालु भक्तों में धार्मिक ऊर्जा का संचार हो। प्रयागराज की तर्ज पर कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराना चाहिए। कुंभ की दिव्यता भव्यता व सौन्दर्यकरण के कार्य तेजी के साथ पूरे किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अवश्य ही अनुभवी कुंभ मेला अधिकारियों का लाभ सनातन प्रेमियों को मिल सकेगा। धार्मिक दिव्यता का प्रमाण अभी से धर्मनगरी में देखने को मिल रहा है। इस दौरान आचार्य पवनदत्त मिश्र, पंडित प्रमोद पाण्डे, स्वामी विवेकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी राधाकांताचार्य, अंकुश शुक्ला आदि उपस्थित रहे।

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