हरिद्वार समाचार– अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सरकार को अगले वर्ष 2021 में होने वाले कुंभ मेले को 2010 में संपन्न हुए कुंभ मेले की तर्ज पर दिव्य व भव्य रूप से संपन्न कराने की मांग की है। कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन में कुंभ मेले को लेकर संपन्न हुई अखाड़ा परिषद की बैठक में संतों ने निर्णय लिया है कि यदि सरकार सहयोग नहीं करती है तो अखाड़े व संत समाज अपने संसाधनों से कुंभ को दिव्य व भव्य रूप से संपन्न कराएंगे। बैठक के दौरान मेला अधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक पत्र भी प्रेषित किया गया। पत्र में संतों ने कुंभ को परंपरागत रूप से संपन्न कराने के लिए भूमि आवंटन करने व अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है। पत्र में संतों ने बताया कि प्रयागराज में प्रतिवर्ष होने वाला माघ मेला भव्य रूप से संपन्न कराया जा रहा है। माघ मेले की व्यवस्थाएं देखने के लिए अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी प्रयागराज जा रहे हैं। अखाड़ा परिषद की ओर से मुख्यमंत्री व मेला प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को भी प्रयागराज चलकर माघ मेले की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने का न्यौता दिया गया है।
बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने बताया कि 2010 में संपन्न हुए मेले की तर्ज पर ही 2021 का कुंभ भव्य व दिव्य रूप से संपन्न कराया जाएगा। अखाड़ों से जुड़े जगद्गुरू, धर्माचार्य, शंकराचार्य, महामण्डलेश्वर, रामानंदाचार्यो सहित संत महापुरूष कुंभ स्नान के लिए हरिद्वार आएंगे। जिस प्रकार कुंभ मेले के दौरान संतों के शिविर लगते रहे हैं। उसी प्रकार शिविर भी लगाए जाएंगे। कुंभ पूरी भव्यता के साथ संपन्न कराया जाएगा। सरकार व मेला प्रशासन शिविरों के लिए भूमि आवंटन व सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तत्काल काम शुरू करे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार व मेला प्रशासन सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराता है तो अखाड़े अपने संसाधनों के बल पर सभी व्यवस्थाएं करेंगे। वैष्णव अखाड़ों के संबंध में उन्होंने कहा कि बैरागी अखाड़ों के शिविर हमेशा की तरह बैरागी कैंप में ही लगेंगे। वैष्णव संतों को किसी प्रकार असुविधा नहीं होने दी जाएगी। उन्हें बैरागी कैंप में सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि यदि राज्य सरकार संतों की मांग नहीं मानती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात कर हरिद्वार कुंभ को दिव्य व भव्य रूप से संपन्न कराने की मांग की जाएगी।
अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरी महाराज ने कहा कि यदि सरकार अखाड़ों का सहयोग नहीं करती है तो 4 जनवरी के बाद अखाड़े अपने स्तर पर तैयारियां शुरू कर देंगे। अपने खर्च पर शिविरों के लिए भूमि का समतलीकरण, पेयजल, विद्युत, सीवर आदि तमाम व्यवस्थाएं करेंगे। जिन्हें मेला संपन्न होने के बाद जनहित में उपयोग के लिए छोड़ दिया जाएगा। बीस फरवरी के बाद यदि कोरोना अधिक बढ़ता है तो सरकार की गाईड लाईन का पालन किया जाएगा।
श्रीमहंत धर्मदास महाराज व श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि वैष्णव संत होटल या धर्मशालाओं में रहकर कुंभ स्नान नहीं करेंगे। हमेशा की तरह बैरागी कैंप में ही देश भर से आने वाले वैष्णव संतों के शिविर स्थापित किए जाएंगे और कुंभ को भव्य रूप से संपन्न कराया जाएगा। अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री व राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ को परंपरागत रूप से दिव्य व भव्य रूप से संपन्न कराने के लिए अखाड़ा परिषद व पूरा संत समाज संकल्पबद्ध है। सरकार को संतों की मांगों के अनुरूप कुंभ मेले से संबंधित व्यवस्थाएं पूरी करनी चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा नया उदासीन के मुखिया महंत भगतराम महाराज एवं महासचिव जगतार मुनि ने बैठक में आए अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों व सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों को फूलमाला पहनाकर स्वागत किया।
बैठक में श्रीमहंत रविन्द्रपुरी, महंत जसविन्दर सिंह, श्रीमहंत सत्यगिरी, श्रीमहंत साधनानंद, महंत दामोदरदास, महंत रामशरणदास, महंत गौरीशंकर दास, महंत रविन्द्रपुरी, महंत मंगलदास, महंत रामकुमार दास, महंत मनीष दास, श्रीमहंत नारायण गिरी, श्रीमहंत प्रेम गिरी आदि संत मौजूद रहे।

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