हरिद्वार -उत्तराखंड  क्रांति दल जिला हरिद्वार केन्द्रीय पदाधिकारियों व जिला
कार्यकारिणी ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा पट्वारी नियुक्तियों हेतु
चयन परिक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई द्वारा जांच से सम्बंधित एक ज्ञापन
महामहिम राज्यपाल को नगर मेजिस्ट्रेट हरिद्वार, के माध्यम से भेजा है।

ज्ञापन द्वारा उक्रांद ने महामहिम  राज्यपाल उत्तराखण्ड से  मांग करी है
कि वे स्वाधिकार का प्रयोग करके पटवारियों की नियुक्तियों हैतु ली जाने
वाली परिक्षा के प्रश्न पत्रों के लीक होने की जांच केंद्रीय अंवेषण
ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करवाने की कृपा करें।

ज्ञापन में उक्रांद ने कहा है कि उत्तराखंड स्तर पर उत्तराखंड लोक सेवा
आयोग द्वारा पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले को लेकर पूरे उत्तराखण्ड में
रोष है। हाल ही में उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग द्वारा पटवारियों की
नियुक्तियों हैतु ली जाने वाली परिक्षा के प्रश्न पत्रों का लीक होना एक
तरह का जघन्य अपराध है जो देशद्रोह की तरह ही है।

उत्तराखण्ड पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले का प्रकरण उजागर हुआ है जिसकी
जांच एस.आई.टी(विशेष जांच दल) द्वारा करी जारही है जिससे कर्मचारियों व
कुछ विशेष राजनितिक दलो की संलिप्तता का होने की आशंका दिखाई देती है,
जिससे उत्तराखंड राज्य के शासन व प्रशासन को शर्मसार होना पड रहा है तथा
उत्तराखंड राज्य की छवि धूमिल और दागदार होती है।

वर्तमान में जो राज्य की सरकारी एजेंसी एस.आई.टी(विशेष जांच दल) जांच कर
रही है उस पर उत्तराखंड की जनता को विश्वास नहीं रहा है क्योंकि अनेक
बिचौलिये के बच जाने की आशंका है।

उत्तराखण्ड क्रांति दल, उत्तराखंड प्रहरी राजनैतिक दल होने के नाते आपसे
सादर निवेदन करता है कि पटवारियों की नियुक्तियों हैतु ली जाने वाली
परिक्षा के प्रश्न पत्रों के लीक होने की जांच केंद्रीय अंवेषण ब्यूरो
(सीबीआई) से स्वाधिकार का प्रयोग करके जांच करवाने की कृपा करें ताकि
उत्तराखण्ड राज्य सेवा चयन व नियुक्तियों में हुए भृष्टाचार में लिप्तों
को कडी से कडी सजा मिल सके और ऐसा उदाहरण प्रस्तुत हो कि भविष्य में इस
प्रकार से कोई भी भृष्टाचार करने धृष्टता करने की हिम्मत नहीं करे।

 ज्ञापन केंद्रीय उक्रांद सर्वोच्च सलाहकार समिति सदस्य रवींद्र वशिष्ठ,
केंद्रीय उपाध्यक्ष सरिता पुरोहित एवं चौधरी बृजवीर सिंह, उक्रांद
हरिद्वार जिलाध्यक्ष बल सिह सैनी व कार्यकारी अध्यक्ष जसवंत सिंह बिष्ट,
एड्वोकेट आशूतोष सोती एवं डा0 मुरलीधर तिवारी आदि ने दिया।

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