हरिद्वार-आईपीएस रचिता जुयाल का अचानक इस्तीफा प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। उत्तराखंड कैडर की 2015 बैच की आईपीएस रचिता जुयाल ने निजी कारण बताते हुए डीजीपी औऱ मुख्य सचिव को इस्तीफा सौंपा था। हालांकि इस्तीफे पर अंतिम अनुमोदन केंद्र सरकार को करना है। लेकिन निजी कारण किसी के गले नहीं उतर रहे। क्योंकि उत्तराखंड में रचिता जुयाल का दस साल का कार्यकाल डायनैमिक रहा है। एसपी विजिलेंस रहते हुए तो उन्होंने न केवल अनेक सरकारी कर्मचारियों को ही पकड़ा बल्कि पुलिस वालों की भी गर्दन पकड़ ली।
2015 बैच की आईपीएस रचिता ने कर्तव्यनिष्ठा एवं सख्त कार्यप्रणाली और शांत स्वभाव के लिए कम समय में अपनी अलग पहचान बनाई। एसपी विजिलेंस रहते हुए उन्होंने पिछले दिनों दून में तैनात पुलिस विभाग के एक दारोगा को ही ट्रैप कर लिया था।जिससे पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ था।अच्छे कार्यकाल और मात्र 10 साल की सेवा के बाद उनके इस्तीफे से विभिन्न प्रकार की चर्चाएं हो रही है। रचिता जुयाल अल्मोड़ा और बागेश्वर की एसपी रहने के साथ ही एडीसी गवर्नर के पद पर भी तैनात रह चुकी हैं। रचिता के पिता बी.डी. जुयाल भी पुलिस विभाग में रहते हुए लंबे समय तक हरिद्वार में सेवाएं दे चुके हैं।
