देहरादून, 24 फरवरी। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शनिवार को कैंप कार्यालय में कृषि एवं उद्यान विभाग की विभागीय समीक्षा बैठक की। विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को केंद्र पोषित एवं राज्य पोषित योजनाओं की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली तथा विभाग द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन की भी जानकारी ली। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारीयों केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों द्वारा अवगत गया कि कृषि में स्वीकृत बजट 201 करोड़ के सापेक्ष 154 करोड़ रुपए खर्च हो चुका है शेष बजट भी शत प्रतिशत पूर्ण किया जायेगा। उद्यान विभाग का स्वीकृत बजट रु.369.75 करोड़ इसके सापेक्ष जनवरी माह तक रू.274.04 करोड़ खर्च किया जा चुका है, शेष शीघ्र किया जाएगा। इसी प्रकार बागवानी मिशन में रु.60 करोड़ के सापेक्ष 27.50 शत प्रतिशत व्यय किया गया। अधिकारियों द्वारा बताया गया उद्यान विभाग के अंतर्गत पूंजीगत व्यय में बजट रू.236.40 करोड़ स्वीकृत 15.54 करोड़ के सापेक्ष जनवरी माह तक 667.82 करोड़ व्यय हो चुका है।
अधिकारियों द्वारा अधिकारों द्वारा अवगत किया गया कि उद्यान विभाग के अंतर्गत पूंजीगत व्यय औद्योगिक निवेशकों का क्रय,रोपवे, निशुल्क फल पौध वितरण, नाबार्ड योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव आदि पर जनवरी 2024 तक स्वीकृति के सापेक्ष लगभग 50% ब्याज हो चुका है। विभागीय मंत्री ने स्वीकृत बजट के तहत प्रतिशत सदुपयोग के दिशा निर्देश दिए गए। परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत 400 स्टोर के सापेक्ष 300 स्टोर खुल चुके हैं। इसी प्रकार पीएफएमई योजना के अंतर्गत अभी तक 13 आउटलेट के सापेक्ष 07 बन गए है। शीतकालीन पौध की डिमांड 08 लाख पौध के सापेक्ष 7.55 लाख पौध का आवंटन हो चुका है। जिसमें सेब, नाशपाती, फुलम, आडू, अखरोट आदि शामिल है। इसमें मुख्यत सेब की डिमांड 5.06 लाख पौध के सापेक्ष 4.62 पौध का आवंटन हो चुका है।
कृषि मंत्री ने अधिकारियों को केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ किसानों को मिले तक पहुंचे इसके दृष्टिगत विभागीय मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री ने बैठक के दौरान अधिकारियों को प्रदेश के उद्यान विभाग के अंतर्गत राजकीय उद्यानों को हार्टी टूरिज्म के रूप में विकसित किए जाने के संबंध में भी अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा जो राजकीय गार्डन की स्थिति ठीक नहीं है, उनको पर्यटन गतिविधि से जोड़कर एक बेस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभारकर हार्टी टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाए। जिसके दृष्टिगत मंत्री ने अधिकारियों को एक ठोस रणनीति बनाने के अधिकारियों को निर्देशित किया।
मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को पिछली बैठक में दिए विभागीय कैलेंडर के तैयार करने के क्रम में अधिकारियों द्वारा बताया गया कि कैलेंडर तैयार कर दिया गया है। जिसमे किसानों को कैलेंडर के माध्यम से कौन सा बीज कब लगता है तथा कई अन्य जानकारी मिलने के साथ किसानों को कैलेंडर के अनुरूप फल, बीज, पौध, खाद इत्यादि उपलब्ध किया जाएगा। मंत्री ने अधिकारियों को ब्लॉक स्तर तक फ्लैक्स के माध्यम से प्रचार प्रसार किया जाए। ताकि किसानों को समयनुसार बीज, फल, पौध, खाद उपलब्ध होने के साथ साथ जानकारी भी प्राप्त हो सके। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्वेस्टर सबमिट के दौरान लोगों से आवाहन किया है,कि डेस्टिनेशन मैरिज के लिए उत्तराखंड आए। उन्होंने कहा प्रदेश में हार्टी टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा शीघ्र ही प्रदेश में गढ़वाल और कुमाऊं के एक-एक उद्यान विभाग के गार्डनो को पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर हार्टी टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए विभागीय अधिकारियों को एक ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिए गए है।

इस अवसर पर सचिव कृषि विनोद सुमन, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव आनंद स्वरूप, कृषि निदेशक कैसी पाठक सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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