देहरादून – जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार कलेक्ट्रेट में आगामी मानसून की तैयारियों के संबंध में बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रजेन्टेशन के माध्यम से आपदा प्रबंधंन हेतु बनायी गयी योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई। जिलाधिकारी ने आपदा आदि की घटना के दौरान सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान हेतु पुख्ता इंतजाम करने तथा घटित घटना की सूचना तत्काल कन्ट्रोलरूम एवं सम्बन्धित अधिकारी को भी देने के कड़े निर्देश दिए। कार्यों में लापरवाही बरतने वालों के विरूद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम के तहत् कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।    
जिलाधिकारी ने सभी विभागों के अधिकारियों को इस शनिवार तक प्रत्येक दशा में अपने-अपने विभागों से संबंधित आपदा प्रबंधंन कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही सख्त चैतावनी देते हुए कहा कि कार्य योजना प्रस्तुत न करने वाले विभागों पर आपदा प्रंबंधन अधिनियम में वर्णित प्राविधानों के अनुरूप कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। विद्युत विभाग एवं जल सस्थान के अधिकारियों के द्वारा बैठक में प्रतिभाग न किए जाने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने आईआरएस से जुड़े विभागों से नोडल अधिकारी एवं दो सह नोडल अधिकारी बनाते हुए आपदा प्रंबंधन के दृष्टिगत विभागीय स्तर पर बैठक करने के साथ ही बनाई गई टीम के कार्याें की माॅनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने संचार विहीन क्षेत्रों में संचार व्यवस्था हेतु वायरलेस सेट आदि की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए। सूचना आदान-प्रदान की व्यवस्था को ओर बेहतर बनाने तथा तहसील स्तर पर त्वरित प्रतिक्रिया हेतु बनाये गये कन्ट्रोलरूम में 24×7 रोस्टरवार कार्मिक तैनात करने तैनात कार्मिकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के साथ ही कार्यों की प्रभावी माॅनिटिरिंग करने, सम्बन्धित विभागों को आपदा कार्यों में जिम्मेदार कार्मिक तैनात करने के निर्देश दिए ताकि संभावित आपदा के दौरान बेहतर समन्वय से कार्य किया जाए। बाढ चैकियांे को सक्रिय करने के निर्देश दिए साथ ही ‘‘इसेंसियल सपोर्ट सिस्टम’’ पर एक सप्ताह के भीतर आवश्यक सेवा वाले विभागों के अधिकारियों/कार्मिकों  का डाॅटा अपलोड करने के साथ ही सम्बन्धित कार्मिकों को प्रशिक्षण प्रदान करने के निर्देश दिए।  साथ ही जिन विभागों को आपदा प्रबन्धन के दृष्टिगत कार्यों हेतु धनराशि की आवश्यकता है सम्बन्धित उप जिलाधिकारी से स्वीकृत कराते हुए पत्रावली प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन सैल सक्रिय करने तथा ड्यूटी में लगाए गए कार्मिकों को प्रशिक्षित करने, संभावित आपदा के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया हेतु सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के निर्देश दिए। इसके लिए सभी उप जिलाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समन्वय बैठक करते हुए संभावित आपदा से निपटने हेतु तहसील स्तर पर कार्ययोजना बनाए। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि अहेतुक सहायता जारी करने में देरी न की जाए यदि उनके क्षेत्र में आपदा संबंधी कोई घटना घटित होती है तो 24 घंटे के भीतर अहेतुक सहायता जारी कर दी जाए। उन्होंने उप जिलाधिकारियों को आपदा के दृष्टिगत संभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए कि आपदा के दृष्टिगत संवेदनशील क्षेत्रों के निकट प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रांें पर एंबुलेंस तैनात करने, लोनिवि, पीएमजीएसवाई के अधिकारियों को जेसीबी तैनात रखने के साथ ही समन्वय हेतु कार्मिकों के दूरभाष नम्बर भी कन्ट्रोल रूम के साथ ही मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने के भी निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने नगर निगम, नगर पालिका परिषद, लोनिवि, पीएमजीएसवाई, सिंचाई विभाग, वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे स्थान जहां आपदा की संभावना रहती है, उन स्थानों पर मानसून से पूर्व निरीक्षण करते हुए पूर्व में किये जाने वाले कार्य यथा, सुरक्षा दीवार, नदी, नालों की सफाई, पुलों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए ताकि यदि कोई सुरक्षा उपाय करने की आवश्यकता हो मानसून से पूर्व कर दिया जाए। उन्होंने संबंधित विभागों कि अधिकारियों को मानसून से पूर्व नदी, नालों, नालियों की सफाई, वन विभाग को सड़क किनारे गिरे पेड़ो तथा सूखे गिरासू पेड़ हटाने के साथ ही लोपिंग करने, जिला पूर्ति विभाग को मानसून काल के में दुर्गम क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में खाद्य रसद पंहुचाने के निर्देश दिए।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एंव राजस्व के.के. मिश्रा, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डाॅ शिव कुमार बरनवाल, प्रभागीय वनाधिकारी नीतिशमणी त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी सदर मनीष कुमार, मसूरी नरेश चन्द्र दुर्गापाल, विकासनगर सौरभ असवाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ मनोज उप्रेती, अधि. अभियन्ता लोनिवि डी.सी नौटियाल, जिला आपदा प्रंबंधन अधिकारी दीपशिखा रावत, जिला पूर्ति अधिकारी जे.एस. कण्डारी, पेयजल, पीएमजीएसवाई, सिंचाई, फायर आदि विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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