हरिद्वार: श्री हंसराज गंगाराम अहीर मा0 अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग नई दिल्ली की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को डाम कोठी में एक बैठक आयोजित हुई।
बैठक में श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने अधिकारियों से विभिन्न क्षेत्रों में पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधित्व के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने बीएचईएल के अधिकारियों से विचार-विमर्श के दौरान पूछा कि बीएचईएल हरिद्वार यूनिट में कुल कितने कार्मिक हैं, उनमें से कुल कितने पिछड़े वर्ग के हैं, आरक्षण के रोस्टर का पालन हो रहा है कि नहीं, कार्मिकों के ए,बी,सी तथा डी ग्रुप में पिछड़े वर्ग के कार्मिकों की कितनी संख्या है, कार्मिकों को प्रशिक्षण दिलाये जाने का क्या प्राविधान है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि कार्मिकों की कुल संख्या में से 973 कार्मिक बीएचईएल में पिछड़े वर्ग के हैं तथा आरक्षण के रोस्टर का प्रारम्भ से ही पालन किया जाता है तथा समय-समय पर आवश्यकतानुसार सभी को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। अधिकारियों ने सीएसआर मद में जन कल्याण के क्षेत्र में बीएचईएल द्वारा किये जा रहे कार्यों के सम्बन्ध में भी जानकारी साझा की।
बैठक में मा0 अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी ली तो अधिकारियों ने बताया कि परिवार में पति-पत्नी दोनों को पात्रता के अनुसार वृद्धावस्था पेंशन अनुमन्य की जाती है। अभी हाल ही में वृद्धावस्था, दिव्यांग, विधवा पेंशन की धनराशि में बढ़ोत्तरी की गयी है, समय-समय पर बहुद्देशीय शिविरों का आयोजन किया जाता है, जिसमें स्थल पर ही पात्र व्यक्तियों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।
श्री हंसराज गंगाराम अहीर मा0 अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से बीएचईएल वेल्फेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने भी शिष्टाचार भेंट की।
जिलाधिकारी श्री विनय शंकर पाण्डेय एवं मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन ने मा0 अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के डामकोठी पहुंचने पर पुष्पगुच्छ भेंटकर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया।
इस अवसर पर एसडीएम श्री पूरण सिंह राणा, एस0पी0 सिटी श्री स्वतंत्र कुमार सिंह, ईडी बीएचईएल श्री पी0वी0 झा, जीएम श्री पी0के0 श्रीवास्तव, प्रोवेशन अधिकारी श्री अविनाश भदौरिया, श्री ललित कुमार, श्री शिया शरण यादव, श्री विमलेश कुमार, श्री घनश्याम यादव सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।
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