हरिद्वार, 23 सितम्बर। श्री गंगेश्वर धाम राम धाम आश्रम के अध्यक्ष स्वामी भास्करानंद महाराज ने कहा है कि अनादि काल से भारत संत परंपरा का निर्वहन करता चला आ रहा है और गुरु शिष्य परंपरा संपूर्ण विश्व में भारत को महान बनाती है। संत महापुरुषों ने हमेशा ही राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में अपना योगदान दिया है और राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में महापुरुषों की भूमिका सदैव अहम रही है। निरंजनी अखाड़ा मार्ग स्थित आश्रम में गुरुजन स्मृति पर्व के दौरान श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी भास्करानंद महाराज ने कहा कि गुरु ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है। जो अपने शिष्य का संरक्षण कर उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। महामंडलेश्वर स्वामी भास्कर महाराज वयोवृद्ध अवस्था में भी समाज का मार्गदर्शन कर रहे हैं। जो समस्त समाज के लिए प्रेरणादायक है। महामंडलेश्वर स्वामी वेदानंद महाराज ने कहा कि महापुरुषों द्वारा प्राप्त ज्ञान से युवा पीढ़ी को धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपनी भूमिका सुनिश्चित करनी चाहिए। युवा पीढ़ी के कंधों पर ही भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का भार टिका है और उन्हें अपने दायित्वों का निर्वहन भली-भांति करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर महंत प्रकाशमुनि, स्वामी हरिहरानंद, कोठारी महंत जसविंदर सिंह, महंत खेम सिंह, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी गंगादास, महंत श्रवण मुनि, महंत सुतीक्षण मुनि, स्वामी दिनेश दास, महंत दर्शन दास, श्रीमहंत विष्णु दास, महंत प्रेमदास, महंत राम प्रकाश, महंत गंगादास उदासीन, महंत गुरमीत सिंह, महंत सूरज दास, महंत रघुवीर दास, महंत निरंजन दास, महंत शिवानंद सहित कई संत महंत उपस्थित रहे।

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