हरिद्वार, 23 सितम्बर। श्री रंगीराम निर्वाण आश्रम के अध्यक्ष महंत जमुना दास महाराज ने कहा है कि श्रीमद् भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है। जो व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय मिटाकर उसके मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। जो श्रद्धालु भक्त श्रीमद् भागवत कथा का सच्चे मन से श्रवण कर लेता है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। भूपतवाला स्थित आश्रम में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए महंत जमुना दास महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से सोया हुआ ज्ञान बैराग्य जागृत हो जाता है और कथा कल्पवृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। कथा व्यास महंत श्रवण मुनि महाराज ने कहा कि कलयुग में मोक्ष प्राप्ति हेतु श्रीमद् भागवत कथा से बढ़कर और कोई साधन नहीं है। श्रीमद् भागवत कथा सुनने को देवता भी तरसते हैं। सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। कथा श्रवण से राजा परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और कलयुग में आज भी इसके साक्षात प्रमाण देखने को मिलते हैं। महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा में सभी ग्रंथों का सार निहित है। इसलिए इसका श्रवण सभी को अवश्य करना चाहिए। जो व्यक्ति इससे प्राप्त ज्ञान को अपने जीवन में आत्मसात कर लेता है। वह परमात्मा की प्राप्ति कर सकता है। वास्तव में श्रीमद् भागवत कथा मोक्षदायिनी है।

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