हरिद्वार समाचार-मेलाधिकारी दीपक रावत, पुलिस महानिरीक्षक महाकुम्भ संजय गुंज्याल एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, महाकुम्भ मेला जन्मेजय खण्डूरी ने मंगलवार की सुबह चैत्र पूर्णिमा महाकुम्भ शाही स्नान 27 अप्रैल को हरकीपैड़ी ब्रह्मकुण्ड पहुंच कर महाकुम्भ के सकुशल सम्पन्न होने के लिये माॅ गंगा व अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हुये उन्हें नमन किया।
मेलाधिकारी दीपक रावत सुबह ही मेला नियंत्रण भवन(सी0सी0आर0) पहुंचे।  वहां से वे शाही स्नान रूट का निरीक्षण करते हुये हरकीपैड़ी पहुंचे, जहां पर उन्होंने महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी ली तथा महाकुम्भ की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में दिशा-निर्देश दिये। इसके पश्चात मेलाधिकारी हरकीपैड़ी ब्रह्मकुण्ड पहुंचे, जहां उन्होंने महाकुम्भ के सकुशल सम्पन्न होने के लिये माॅ गंगा व अन्य देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करते हुये उन्हें नमन किया।
मेलाधिकारी ने पूजा-अर्चना की ही थी कि इतने में ही हरकीपैड़ी ब्रहमकुण्ड पर शाही स्नान के लिये सर्वप्रथम निरंजनी अखाड़े के सचिव और मनसादेवी ट्रस्ट के सचिव श्रीमहंन्त रवीन्द्र पुरी जी महाराज सहित अन्य सन्तों का आगमन शाही स्नान के लिये शुरू हो गया, जिनका स्वागत पुष्प वर्षा कर हुआ। शाही स्नान के समय साधु-सन्तों के हरहर महादेव की ध्वनि से पूरी हरकीपैड़ी गुंजायमान हो रही थी। इस तरह  पूजा-अर्चना एवं विधि-विधान से चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान का शुभारम्भ हो गया।
शाही स्नान के समय कोविड उपयुक्त व्यवहार- सामाजिक दूरी, मास्क लगाना आदि का पूरा पालन किया गया। अपर मेलाधिाकरी हरवीर सिंह एवं रामजीशरण शर्मा के नेतृत्व में मेला प्रशासन की ओर से हरकीपैड़ी पर साधु-महात्माओं को मास्क का वितरण भी किया जा रहा था।  इतने में महन्त हरिगिरि जी महाराज सहित श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा, श्री अग्नि और आह्वान आखाड़ा के सन्त-महात्मा शाही स्नान के लिये पहुंच गये, जिनका भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण का प्रवेश हरकीपैड़ी पर हुआ, जहां पर मेलाधिकारी ने श्रीमहंत रविन्द्रपुरी जी महाराज का स्वागत किया।
श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण के पश्चात तीनों बैरागी अखाड़ों के सन्तों का हरकीपैड़ी पर पुष्पवर्षा के साथ पदार्पण हुआ। इस अवसर पर बैरागी अखाड़ों की छवि देखते ही बन रही थी। तीनों बैरागी अखाड़ों के सन्त, कुमकुम, रोली, चन्दन और केसर का तिलक- मस्तक, ललाट, कण्ठ, नाक, कान, दोनों बाजू, सीना आदि में विभिन्न प्रकार के तिलक लगाये पहुंचे तथा सभी कोविड उपयुक्त व्यवहार से गंगा में शाही स्नान करने के पश्चात अपने गन्तव्य की ओर जाने लगे।
इस समय तक काफी धूप तेज हो चुकी थी, जिसकी वजह से हरकीपैड़ी पर टाइल्स काफी गरम हो रही थी, इसको देखते हुये हरकीपैड़ी पर जूट की चटाई बिछाई गयी तथा पुल नम्बर-1 पर लगातार पानी का छिड़काव किया गया।
शाही स्नान के अगले क्रम में श्रीपंचायती बड़ा अखाड़ा उदासीन निर्वाण हरकीपैड़ी ब्रह्मकुण्ड पहुंचा, जहां उन्होंने भगवान चन्द्रदेव की पूजा-अर्चना करने के पश्चात गंगा में स्नान किया। तत्पश्चात श्री पंचायती नया अखाड़ा उदासीन निर्वाण ने गंगा में स्नान किया। शाही स्नान के क्रम में इसके बाद श्रीपंचायती निर्भल अखाड़ा के साधु-सन्तों का हरकीपैड़ी पहुंचने पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया तथा साधु-सन्तों ने माॅ गंगा में स्नान किया एवं अपने गन्तव्य की ओर प्रस्थान किया।
मेलाधिकारी श्री दीपक रावत ने इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुये कहा कि महाकुम्भ की व्यवस्थाओं की तैयारियों के समय उन्हें कई तरह के अनुभव हुये। समय पर महाकुम्भ के कार्य सम्पन्न कराना हमारे लिये चुनौती था। सभी से तालमेल रखते हुये सभी कार्य सकुशल सम्पन्न हुये, जिससे मैं सन्तुष्ट हूं, जिसके लिये में सभी को धन्यवाद देता हूं।
इस तरह मेलाधिकारी, पुलिस महानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ मेला, मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन कुम्भ मेला शाही स्नान सम्पन्न कराने के लिये सुबह से रात्रि तक सक्रिय रहे। उन्होंने मेला प्रशासन, पुलिस प्रशासन तथा श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों, स्वयं सेवकों का  स्नान पर्वों में हर स्तर पर सहयोग देने के लिये धन्यवाद ज्ञापित किया। इस तरह पूरा शाही स्नान कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करते हुये प्रतीकात्मक रूप से सकुशल सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक संजय गुज्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महाकुम्भ जन्मेजय खण्डूरी, श्री गंगा सभा के अध्यक्ष श्री प्रदीप झा, अपर मेलाधिकारी हरवीर सिंह, रामजी शरण शर्मा, उप मेलाधिकारी दयानन्द सरस्वती, सेक्टर मजिस्ट्रेट योगेश सिंह मेहरा सहित अन्य अधिकारी/पदाधिकारीगण उपस्थित थे।
 
 
 
 
 
 

 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 

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