राष्ट्रीय/ रीवा, 18 अप्रैल। योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद आधारित सर्वश्रेष्ठ शोध संस्थान पतंजलि योगपीठ, हरिद्वार एवं उच्च शिक्षण संस्थान अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा (म.प्र.) के मध्य परस्पर सहयोग एवं शैक्षणिक समन्वय हेतु एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर हुए।
इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ की अध्यक्षता करते हुए आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि इस एमओयू का उद्देश्य योग, प्राकृतिक चिकित्सा (Naturopathy), आयुर्वेद एवं संबंधित भारतीय परंपरागत ज्ञान प्रणालियों के क्षेत्र में शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक एवं विकासात्मक गतिविधियों में परस्पर सहयोग सुनिश्चित करना है।
आचार्य जी ने बताया कि इस एमओयू के अन्तर्गत दोनों संस्थानों के सहयोग से योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद से संबंधित पाठ्यक्रमों का विकास एवं संचालन किया जाएगा। साथ ही संयुक्त रूप से शोध परियोजनाएं एवं संगोष्ठियों का आयोजन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उक्त एमओयू के तहत दोनों संस्थानों के शैक्षणिक एवं तकनीकी विशेषज्ञों का परस्पर आदान-प्रदान कर ज्ञान साझा किया जा सकेगा। इसमें छात्रों के प्रशिक्षण, इंटर्नशिप एवं फील्ड वर्क की व्यवस्था भी रहेगी। दोनों संस्थानों में संचालित पुस्तकालय, प्रयोगशाला, शोध संसाधनों आदि का आपसी उपयोग भी किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त योग एवं आयुर्वेद से संबंधित प्रमाणपत्र/डिप्लोमा/डिग्री पाठ्यक्रमों का समन्वित संचालन भी किया जाएगा।
इस अवसर पर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के कुलपति प्रो. राजेन्द्र कुमार कुरारिया ने कहा कि पतंजलि योगपीठ योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं आयुर्वेद आधारित सर्वश्रेष्ठ शोध संस्थान है। हम पतंजलि के साथ संयुक्त रूप से कार्य कर योग, आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा पर व्यापक शोध कर ज्ञान साझा करेंगे।
कार्यक्रम में अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा के कुलसचिव डॉ. सुरेंद्र सिंह परिहार भी उपस्थित रहे।

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