हरिद्वार – फूलदेई पर्व उत्तराखंड तथा विश्व प्रसिद्ध पावन नगरी हरिद्वार में धूमधाम से मनाया गया चैत्र की संक्राति को फूलों का पर्व फूलदेई हर्षोल्लास धूमधाम के साथ प्रतिवर्ष गढ़वाल कुमाऊँ तथा प्लेन क्षेत्र के लोगों में किसानों में हर्षोल्लास धूमधाम के साथ मनाया जाता है इस दिन घर की बेटियां छोटे बच्चे खेत खलियान बागानों से फूल कलियां एकत्रित कर घर-घर फूलों की वर्षा करती हैं

प्राचीन काल से यह पर्व काफी हर्षोल्लास के साथ प्रतिवर्ष मनाया जाता रहा है फूलदेई पर्व घर की बेटियों के लिए एक अत्यंत सुखद व हर्ष उल्लास का उत्सव होता है गढ़वाल कुमाऊं मंडल में इस प्रथा को और जोरदार तरीके से बड़े त्योहार के स्तर पर इस पर्व को मनाया जाता है तथा प्लेन मैदानी इलाकों में इस पर्व को घर की बच्चियां बेटियां लड़कियां बच्चे एकत्रित होकर घर घर जाकर फूलों की वर्षा करते हैं तथा अपने मनोरथ का गान करते हुए हर्ष हर्ष उल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं फूलदेई का त्योहार उत्तराखंडी समाज के लिए विशेष पारंपरिक महत्व रखता है। चैत की संक्रांति यानि फूल संक्रांति से शुरू होकर इस पूरे महीने घरों की देहरी पर फूल डाले जाते हैं। इसी को गढ़वाल में फूल संग्राद और कुमाऊं में फूलदेई पर्व कहा जाता है। जबकि, फूल डालने वाले बच्चों को फुलारी कहते हैं

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