हरिद्वार समाचार– आगामी मानसून को देखते हुये गंगा के आसपास बहने वाले नालों के क्षमता से अधिक बहने के कारण, उनका पानी गंगा में जा सकता है, के मद्देनजर नालों की सफाई के सम्बन्ध में चर्चा हुई। इस पर जिलाधिकारी ने बताया कि नगर निगम हरिद्वार को नालों की सफाई के लिये चार लाख रूपये स्वीकृत किये गये हंै, जिस फण्ड से वे नालों की सफाई तुरन्त करायें। उन्होंने कहा कि बरसात से पहले नालों की सफाई होना बहुत जरूरी है। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से नालों की वर्तमान की स्थ्तिि के सम्बन्ध में जानकारी ली। इस पर नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि नालों की सफाई के लिये तीन जे0सी0बी0 लगी हुई हैं तथा 60 कर्मचारी अलग-अलग वार्डों में लगे हुये हैं। इसके अलावा 100 लोग नालों की सफाई में लगे हुये हैं।
श्री सी0रविशंकर ने हरकीपौड़ी के पास ऊपर से आने वाले नाले के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जानकारी ली। इस पर अधिकारियों ने बताया कि इसकी सफाई कर दी गयी है। इसके अलावा गोविन्दपुरी के पास बहने वाले नाले के सम्बन्ध में भी बैठक में चर्चा हुई।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि फील्ड में जो कार्य हो रहा है, उसकी माॅनिटरिंग करें ताकि किस स्तर पर कहां लापरवाही हो रही है, के सम्बन्ध में जिम्मेदारी निर्धारित की जा सके।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में जिलाधिकारी ने जहां-जहां गंगा के किनारे अतिक्रमण हो रहा है, उस पर कार्रवाई करते हुये, इस कार्य में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ भी जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिये।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में गौशालाओं से निकलने वाले गोबर के  निस्तारण के लिये योजना बनाने, डालफिन व घड़ियाल योजना को धरातल पर उतारने, घाटों को गोद लेने तथा उनका सीमांकन करने आदि के सम्बन्ध में विस्तृत चर्चा हुई।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे गंगा की शुचिता से सम्बन्धित जो भी योजनायें हैं, उनको पूरा करने में आपसी तालमेल बनाते हुये, जितने भी गंगा से जुड़ी योजनायें हैं, उनमें तेजी लायें।
वीडियो कांफ्रेंसिंग में डी0एफ0ओ0 श्री नीरज कुमार, नगर निगम, सिंचाई, स्वयं सेवी संस्थाओं-बीइंग भागीरथी आदि सहित गंगा संरक्षण समिति के सम्बन्धित सदस्यों ने प्रतिभाग किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *