हरिद्वार, 6 जुलाई
हाल ही में जिला आयुर्वेदिक और यूनानी अधिकारी, उधम सिंह नगर पर कुछ समाचार माध्यमों में भ्रष्टाचार और लापरवाही जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिन्हें लेकर राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी सेवा संघ, हरिद्वार ने कड़ा ऐतराज जताया है।
संघ के अध्यक्ष डॉ. अवनीश उपाध्याय और सचिव डॉ. प्रदीप कुमार ने संयुक्त रूप से जारी बयान में कहा कि “ये आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद, भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण हैं। हमारे अधिकारी लंबे समय से पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ अपने दायित्व निभा रहे हैं, जिसका प्रमाण उनके द्वारा किए गए कार्यों और जनता से मिले विश्वास से मिलता है।”
डॉ. प्रदीप कुमार ने कहा कि “आयुर्वेदिक अधिकारी लगातार ग्रामीण और जरूरतमंद क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचा रहे हैं। हर साल सैकड़ों शिविर, मुफ्त औषधि वितरण और रोग जांच कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इन प्रयासों से हजारों लोगों को सीधा लाभ हुआ है। ऐसे में इस तरह के आरोप न केवल अफवाह फैलाने की कोशिश हैं, बल्कि विभाग की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुँचाते हैं।”
संघ का कहना है कि इन आरोपों के पीछे कुछ निजी या राजनीतिक हित हो सकते हैं, जो जानबूझकर भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। न तो कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत किया गया है और न ही किसी आधिकारिक जांच में कुछ सिद्ध हुआ है।
डॉ. अवनीश उपाध्याय ने स्पष्ट किया, “संघ अपने अधिकारी के साथ मजबूती से खड़ा है और यदि आवश्यकता पड़ी तो कानूनी विकल्पों पर भी विचार करेगा। मानहानि और झूठे आरोपों के खिलाफ हम चुप नहीं बैठेंगे।”
जनता का समर्थन भी अधिकारियों के पक्ष में है – कई ग्राम पंचायतों और रोगी संगठनों ने समर्थन पत्र जारी किए हैं और हस्ताक्षर अभियान भी शुरू किया गया है, जो ये दर्शाता है कि समाज में अधिकारियों की छवि सकारात्मक है।
संघ ने इस मौके पर सभी संबंधित पक्षों से अपील की है कि इस मामले को शांतिपूर्वक और संवाद के जरिये हल किया जाए। “विवाद और आरोप-प्रत्यारोप से विभाग की छवि खराब होती है। हमें एकजुट होकर समाज को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने पर ध्यान देना चाहिए,” डॉ. प्रदीप ने कहा।
संघ ने सुझाव दिया है कि एक संयुक्त संवाद मंच बनाया जाए, जहां सभी हितधारक खुलकर अपनी बात रख सकें और समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकें।
संघ ने अंत में जनता से अपील की है कि अफवाहों पर नहीं, बल्कि तथ्य और सेवा-कार्यों पर विश्वास करें।