हरिद्वार, 4 जून। आनन्दमयी पुरम दक्ष रोड़ कनखल स्थित श्री महर्षि ब्रह्महरि उदासीन आश्रम में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन श्रद्धालुओं को कथा श्रवण कराते हुए कथाव्यास स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान का अथाह भंडार है। जिसे जितना ग्रहण करो जिज्ञासा उतनी ही बढ़ती जाती है। कथा के प्रत्येक सत्संग से अतिरिक्त ज्ञान की प्राप्ति होती है। जिससे जीवन पूरी तरह बदल जाता है। उन्होंने कहा कि कथा से मिले ज्ञान को आचरण में धारण करें और सदैव मानव कल्याण के लिए समर्पित रहें। आश्रम के परमाध्क्ष श्रीमहंत दामोदर शरण महाराज ने कहा कि भक्त और भगवान की कथा श्रीमद्भावगत के श्रवण और मनन से जीवन के समस्त संताप मिट जाते हैं। जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि कथा श्रवण की सार्थकता तभी है। जब कथा से मिले ज्ञान के अनुसार आचरण किया जाए। कथा संयोजक महंत अमृतमुनि महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा परम कल्याणकारी है। कथा के प्रभाव से अधोगति में पड़े पितरों को भी मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इस अवसर पर महंत राघवेंद्र दास, महंत अमृतमुनि, महंत प्रेमदास, महंत जयेंद्र मुनि, स्वामी हरिहरांनद, महंत गोविंददास, महंत गंगादास, स्वामी दिनेश दास, महंत जसविंदर सिंह, महंत निर्भय सिंह, महंत कैलाशानंद, महंत सुतिक्ष्ण मुनि, पदम प्रकाश सुवेदी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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