हरिद्वार, 26 अक्टूबर। केदारनाथ धाम के दर्शन कर लौटे निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कनखल स्थित जगद्गुरू आश्रम पहुंचकर शंकराचार्य स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज से आर्शीवाद लिया और गौवर्धन पूजा का पर्व मनाया। सभी को गौवर्धन पूजा की शुभकामनाएं देते हुए स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति पर्वो की संस्कृति है। दीपावली के दौरान लगातार पांच दिनों तक मनाए जाने वाले पर्व जीवन में खुशीयों और उमंगों का संचार करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है। कृषि और प्रकृति का आपस में गहरा संबंध है। गौवर्धन पूजा का पर्व हमें प्रकृति के संरक्षण का संदेश भी देता है। पर्यावरण संतुलित होगा तो देश में कृषि उत्पादन अच्छा होगा। जिससे किसानों के साथ सभी के जीवन में खुशहाली आएगी। इसलिए गौवर्धन पूजा के अवसर पर सभी को पर्यावरण संरक्षण का संकल्प भी अवश्य लेना चाहिए। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि गौमाता में सभी तेतीस करोड़ देवी देवता वास करते हैं। गौवर्धन पूजा पर गायों की पूजा करें उन्हें हरा चारा खिलायें। गौमाता की सेवा करने से सभी संकट दूर हो जाते हैं। परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। संध नेता पदम सिंह ने कहा कि संतों के सानिध्य में पर्व मनाने से दोगुना पुण्य फल प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि गौवर्धन पूजा के अवसर पर भी गौवंश के संरक्षण संवर्द्धन का संकल्प भी अवश्य लें। इस अवसर पर महंत संविदानंद, स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी भी मौजूद रहे।

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