हरिद्वार समाचार– बैरागी संतों की उपेक्षा किए जाने से नाराज तीनों वैरागी अनी अखाड़ों के संतों ने मेला प्रशासन और राज्य सरकार के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त की है। बैरागी कैंप में श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े में वैष्णव संतो की बैठक के दौरान श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि सरकार वैष्णव संतो की उपेक्षा करके अच्छा बर्ताव नहीं कर रही है। कुंभ मेले के दौरान वैरागी संत ही आकर्षण का केंद्र होते हैं। सरकार को तुरंत मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराकर मेले से संबंधित सभी कार्य पूर्ण करने चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार धार्मिक आयोजन कथा प्रवचन पर रोक लगाकर राक्षसी प्रवृत्ति को दर्शा रही है। उन्होंने कहा कि धार्मिक आयोजन से दुख दरिद्रता दूर होती है और बीमारियां दूर भागती हैं। सरकार को सनातन धर्म पर कुठाराघात नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि बैरागी कैंप में अनैतिक रूप से बड़ी संख्या में अतिक्रमण व्याप्त है। सरकार को इसकी जांच करा कर तुरंत बैरागी कैंप क्षेत्र को खाली कराना चाहिए और उससे पहले बैरागी संतो को भूमि आवंटित की जाए ताकि संत महापुरुष मेले से जुड़ी व्यवस्थाएं पूरी कर सकें।
श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि कुंभ मेला भारतीय संस्कृति से जुड़ा पर्व है। कोरोना का बहाना बनाकर सरकार साधु संतों को होटल व गेस्ट हाउस में भेजना चाह रही है, जो कतई स्वीकार नहीं है। कुंभ मेला होगा और साधु संत खुले में ही टेंट अथवा शिविर लगाएंगे। मेला प्रशासन सुविधा दे या ना दे अपनी सारी व्यवस्था संत महापुरुष स्वयं करेंगे। तीनों बैरागी अखाड़े अपने अपने इष्ट देव को बैरागी कैंप में लाकर शाही स्नान धूमधाम के साथ करेंगे। उन्होंने कहा कि कोरोना के बीच सरकार के सभी कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। लाखों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे है।ं यदि उन्हें अनुमति दी जा रही है तो कुंभ मेले में धार्मिक परंपराओं के साथ छेड़छाड़ क्यों की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इतना भी अंकुश ना लगाए कि परंपरा ही भंग हो जाएं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बड़ी बड़ी बिल्डिंग और आश्रमों में जाकर संतो से मिलते हैं। मुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री बैरागी कैंप में आए और धूल मिट्टी के बीच बैरागी कैंप की व्यवस्थाओं को देखें। बड़ी संख्या में बैरागी कैंप क्षेत्र में अतिक्रमण व्याप्त है, उसे तत्काल हटाया जाए। श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि कुछ साधु संत मेला प्रशासन को गुमराह कर लगातार बैरागी कैंप क्षेत्र में अवैध रूप से कब्जा कर रहे हैं। अनादि काल से बैरागी संतो की तपस्थली रहे बैरागी गेम क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण जरूर हटेगा। चाहे वर्तमान मुख्यमंत्री के कार्यकाल में हटे अथवा दूसरे मुख्यमंत्री के काम में। लेकिन यदि वर्तमान मुख्यमंत्री के कार्यकाल में अतिक्रमण हटा नहीं है तो यह कलंक उनके ऊपर लगेगा। उन्होंने कहा कि मेला प्रशासन और कुछ अधिकारी कुछ संतो की अप्रचलित परंपराओं को प्रारंभ कर रहे हैं जो कि उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि साधु संतों के बीच झगड़ा ना हो इसीलिए वैष्णव अखाड़ों के लिए बैरागी कैंप क्षेत्र को आरक्षित किया गया था। यदि मेला प्रशासन अतिक्रमण को नहीं हटाता है तो भगवान उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत किशन दास महाराज ने कहा कि मेला प्रशासन बैरागी संतो को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए। बैरागी संतों की उपेक्षा मेला प्रशासन के लिए अच्छा संकेत नहीं है। महंत राजेंद्र दास महाराज ने जानकारी देते हुए बताया कि 1 अप्रैल को तीनों बैरागी अखाड़ों द्वारा मां चंडी का पूजन किया जाएगा। जिसके बाद 2 अप्रैल को तीनों अखाड़ों की धर्म ध्वजाएं फहरायी जाएंगी और 6 अप्रैल को तीनों अखाड़ों की संयुक्त रूप से भव्य पेशवाई निकाली जाएगी। इस दौरान बाबा हठयोगी, श्रीमहंत विष्णुदास, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, महंत प्रेमदास, महंत प्रमोददास, महंत शत्रुघ्नदास, महंत हितेश दास, महंत सुमित दास, महंत सूरज दास आदि संत उपस्थित रहे।