हरिद्वार समाचार-अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री व श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज को श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में शामिल करने की मांग की है। बैेरागी कैंप स्थित श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े में प्रैस को जारी बयान में श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि वैष्णव संप्रदाय के संतों ने ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए कानूनी लड़ाई की शुरूआत की तथा लंबे समय तक हिन्दू समाज की मांग को कोर्ट के समक्ष रखा। वैष्णव संत ही अदालत में चल रहे राम मंदिर निर्माण के मुकद्मे में मुख्य पक्षकार थे। सुप्रीम कोर्ट तक चली अदालती लड़ाई में वैष्णव संतों ने ही मुख्य भूमिका निभाई। इतना ही नहीं वैष्णव संतों ने ही श्रीराम मंदिर के लिए कानूनी लड़ाई के साथ जन आंदोलनों की भी शुरूआत की। वैष्णव संतों के संघर्ष के फलस्वरूप ही श्रीराम मंदिर निर्माण की मांग को गति मिली तथा आज अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। लेकिन मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में वैष्णव संतों को स्थान नहीं दिया गया। जो कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से मांग करते हुए कहा कि श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए चले न्यायिक संघर्ष व जन आंदोलनों में वैष्णव संतों की अहम भूमिका को देखते हुए अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज को सम्मिलित कर वैष्णव संप्रदाय को सम्मान दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कुशल नीति के चलते ही अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। मंदिर निर्माण शुरू होने के साथ सनातन धर्म व भारतीय संस्कृति के उत्थान तथा प्रचार प्रसार में हमेशा उल्लेखनीय योगदान करने वाले वैष्णव संप्रदाय को राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट में शामिल किया जाना चाहिए।