हरिद्वार समाचार– आनंद पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा है कि कुंभ मेला सनातन संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। जिसमें करोड़ों श्रद्धालु मां गंगा का आशीर्वाद लेकर अपने जीवन को भवसागर से पार लगाते हैं। कुंभ मेले की व्यवस्थाएं ऐसी होनी चाहिए जिससे बाहर से आने वाले श्रद्धालु भक्तों का मन मोह लेने के साथ-साथ विदेशों में भी भारतीय परंपरा एवं संस्कृति का एक दिव्य व भव्य संदेश जाए। भूपतवाला स्थित हरिधाम सनातन सेवा ट्रस्ट आश्रम में तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़ा के संतों की बैठक में आचार्य स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि भूपतवाला व सप्त सरोवर क्षेत्र संत बाहुल्य क्षेत्र है। जिसमें कुंभ मेले के दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों के साथ-साथ संत महापुरुष निवास करते हैं। शासन प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द क्षेत्र में बिजली पानी शौचालय की व्यवस्था उपलब्ध कराने के साथ-साथ सड़कों का निर्माण कराए। साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मेले के दौरान किसी भी संत महापुरुष को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। श्रीमहंत गिरिजानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि अखाड़े के संत महापुरुषों से कुंभ मेले की पहचान है। बाहर से आने वाले नागा साधु कुंभ मेले का मुख्य आकर्षण केंद्र होते हैं। प्रशासन को संपूर्ण कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से उपलब्ध कराना चाहिए। भूपतवाला क्षेत्र के सभी गंगा घाटों का सौंदर्य करण किया जाए। कुंभ मेला प्रारंभ हो चुका है। मेले में अव्यवस्था होने से श्रद्धालुओं भक्तों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए मेला प्रशासन को जल्द से जल्द अखाड़ों, आश्रमों को सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। महंत शंकरानंद गिरी महाराज ने बताया कि अखाड़े के सभी संत महापुरूष आनन्द पीठाधाश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज से मिले और कुंभ मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की। इस दौरान महंत कालू गिरी, महंत शंकरानंद सरस्वती, महंत दिवाकर पुरी, स्वामी विजय गिरी, महंत लालगिरी, स्वामी गणेश पुरी, स्वामी सत्यानंद गिरी, स्वामी नत्थीनंद गिरी, आचार्य मनीष जोशी आदि मौजूद रहे।

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