हरिद्वार समाचार-

 संपूर्ण विश्व को धर्म का सकारात्मक संदेश प्रदान करने वाला महापर्व कुंभ मेला करोड़ों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है। जो भारत को पूरे विश्व में महान बनाता है। उक्त उद्गार श्रीमहंत दिनेश दास महाराज ने बैरागी कैंप स्थित चर्तु संप्रदाय में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार आने वाले श्रद्धालु भक्त संतो के दिव्य दर्शन कर अभिभूत होते हैं। संत महापुरुषों के तपोबल एवं धार्मिक अनुष्ठानों से देश में नई ऊर्जा का संचार होता है। कुंभ मेले की अलौकिक छटा विदेशी भक्तों, श्रद्धालुओं को भी अपनी और आकर्षित करती है। जिस से प्रभावित होकर वह सनातन धर्म को अपनाते हैं। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा ने कहा कि कुंभ मेला भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म की मुख्य धरोहर है और वैष्णव संत कुंभ मेले के मूल सूत्रधार हैं। जिनकी पूजा पद्धति से प्रभावित होकर सनातन धर्म के महत्व को श्रद्धालु पहचानते हैं। उन्होंने कहा कि विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन कुंभ मेला पूरे विश्व को एकता के सूत्र में पिरोता है। कुंभ मेले के दौरान श्रीमहंत दिनेश दास महाराज की और से चर्तु संप्रदाय में प्रतिदिन हजारों गरीब असहाय लोगों को भोजन प्रसाद वितरण किया जाता है और मानव सेवा का संदेश प्रसारित किया जाता है। उन्होंने कहा कि चर्तु संप्रदाय द्वारा चलाए जा रहे अन्न क्षेत्र से समाज में सेवा और समरसता का भाव पैदा होता है। क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। सेवा कें प्रकल्प निश्चित तौर पर समाज हित में होते हैं। प्रत्येक व्यक्ति को अपने सामथ्र्य अनुसार गरीब असहाय लोगों की सेवा कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि पुण्य कार्य करने के लिए पृथ्वी पर कुंभ मेले से अच्छा मुहूर्त और कोई नहीं हो सकता। संत समाज सदैव ही सेवा का संदेश देकर भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाता आया है और राष्ट्र को उन्नति की ओर अग्रसर करने में संतो ने सदैव ही अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कोविड नियमों का पालन करते हुए मास्क एवं सोशल डिस्टेंसिंग का प्रयोग अवश्य करें। इस दौरान महंत शत्रुघ्न दास श्रीमहंत रास बिहारी दास, श्रीमहंत फूलडोल दास, महंत दयाल दास, महंत राम मनोहर दास, मस्तराम बाबा, महंत लक्ष्मण दास, महंत घनश्याम दास, महंत रमेश दास, महंत नरहरिदास, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत रामजी दास, महंत रामशरण दास, महंत गौरी शंकर दास, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत राघवेंद्र दास सहित बड़ी संख्या मे संत महंत उपस्थित रहे।

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