हरिद्वार समाचार– श्री दक्षिण काली मंदिर में संपूर्ण श्रावण मास चलने वाली विशेष शिवोपासना के संपन्न होने पर संतो ने निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के साथ 11 कुंतल दूध से मां गंगा का दुग्धाभिषेक व 151 लडृडुओं का भोग समर्पित कर और आरती कर विश्व कल्याण की कामना की। इस दौरान भगवान शिव व माता पार्वती की भव्य झांकियां निकाली गयी और धार्मिक गीतों पर भक्तजनों ने जमकर नृत्य किया। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों द्वारा की गई कठिन साधना समस्त विश्व का कल्याण करती है। स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज संपूर्ण श्रावण मास कठिन शिवोपासना कर राष्ट्र कल्याण की कामना करते हैं। जिससे देश में नई ऊर्जा का संचार होता है। उन्होंने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज अपने तप और विद्वत्ता के माध्यम से समस्त विश्व में भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। जो समाज के लिए गौरव की बात है। महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि संतों का जीवन धर्म की रक्षा एवं संस्कृति और संस्कारों के संरक्षण के लिए होता है। निरंजन पीठाधीश्वर के रूप में स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज देश दुनिया में धर्म का प्रचार प्रसार कर भारत का मान बढ़ा रहे हैं। राष्ट्र निर्माण में उनका अतुल्य योगदान सदैव अविस्मरणीय रहेगा। महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि महाराज ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज एक तपस्वी संत हैं। जो पिछले कई वर्षों से मानव कल्याण के लिए कठिन शिवोपासना करते हैं। युवा पीढ़ी को उनसे प्रेरणा लेकर धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए और मानव सेवा के लिए समर्पित रहना चाहिए। क्योंकि मानव सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है। निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि महाराज ने सभी संत महापुरुषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महादेव की कृपा और संतों के आशीर्वाद से आज भारत का पूरे विश्व में एक अलग स्थान है। कैलाशवासी भगवान शिव सभी की रक्षा कर मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। धर्म के प्रति निष्ठा रखने वाले श्रद्धालु भक्तों का भगवान शिव स्वतः ही कल्याण करते हैं। जो दीन दुखी दीनानाथ के दरबार में आ जाता है। उसका जीवन भवसागर से पार हो जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव की अटूट अनुकंपा से जल्द ही कोरोना महामारी विश्व से समाप्त होगी और देश दुनिया में खुशहाली लौटेगी। इस दौरान बाबा हठयोगी, महामण्डलेश्वर स्वामी अनंतानंद, महंत निर्मलदास, स्वामी केशवानंद, महंत कमलदास, लालबाबा, स्वामी अनुरागी महाराज, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेशदास, स्वामी रघुवीरानंद, स्वामी अवंतिकानंद ब्रह्मचारी, स्वामी कृष्णानंद ब्रह्मचारी, बालमुकुंदानंद ब्रह्मचारी, अनूप भारद्वाज, अनुराग वाजपेयी, अनुज दुबे सहित बड़ी संख्या में शिवभक्त उपस्थित रहे।