हरिद्वार, 7 जनवरी– श्री दक्षिण काली मंदिर पहुंचे जमीयत उलेमा ए हिन्द एवं देवबंद मदरसा के सदर अरशद मदनी ने निरंजन पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी से मुलाकात कर धर्म चर्चा की। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने धर्मगुरू सैय्यद अरशद मदनी का शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि धर्मगुरू अरशद मदनी से धार्मिक मामलों पर सकारात्मक चर्चा हुई। जिसका देश व समाज में अच्छा संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि अरशद मदनी ने बलात धर्मांतरण का विरोध किया और काॅमन सिविल कोड पर भी चर्चा की। सरसंघ चालक से भेंट के दौरान भी अरशद मदनी ने इन्ही मुद्दों पर चर्चा की थी। स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि अरशद मदनी से पुनः भेंटकर देश व समाज को अच्छा संदेश देने का प्रयास किया जाएगा। अरशद मदनी ने कहा कि स्वामी कैलाशानंद गिरी से भेंटकर बहुत अच्छा लगा। स्वामी कैलाशानंद गिरी से भेंट के दौरान विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई। हिन्दू मुसलमान पूरे देश में अमनचैन से मिलजुल कर रहते हैं। लेकिन सियासी पाटियों ने दोनों पक्षों के बीच विवाद खड़ा करती रहती हैं। उन्होंने कहा कि यदि दोनों धर्मगुरूओं की आवाज एक साथ उठेगी तो मुल्क में अमनो अमान कायम होगा। देश खुशहाल होगा। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन जबरन नहीं हो सकता है। धर्म परिवर्तन स्वयं की इच्छा से होता है। जबरन किए गए धर्म परिवर्तन का कोई एतबार नहीं है। कामन सिविल कोड पर उन्होंने कहा कि जब मुल्क आजाद हुआ तो सेक्यूलर दस्तूर बनाया गया। जिसका मतलब है कि हर आदमी को अपनी पसंद के मजहब को अपनाने का अधिकार है। सरकार का कोई मजहब नहीं है। किसी को किसी धर्म का पाबंद नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे कामन सिविल कोड से सहमत नहीं है।

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