हरिद्वार, 30 अप्रैल। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान का भण्डार है। जिसे जितना ग्रहण करो, जिज्ञासा उतनी ही बढ़ती जाती है। भूपतवाला स्थित वेद निकेतन धाम में आयोजित श्रीमद भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के विश्राम अवसर पर उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को आशीर्वचन प्रदान करते हुए श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन और श्रवण दोनों ही कल्याणकारी हैं। गंगा तट पर संतों के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने से दोगुना पुण्य लाभ प्राप्त होता है। लेकिन कथा श्रवण का लाभ तभी है। जब इससे प्राप्त ज्ञान को आचरण में धारण किया जाए। सभी को कथा से मिले ज्ञान के अनुसार आचरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। वेद निकेतन धाम की परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर वेद भारती महाराज ने कहा कि भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर धर्म व अध्यात्म के मार्ग पर प्रशस्त करने में संत समाज की अहम भूमिका है। संत रूपी गुरू के सानिध्य में ही भक्तों का कल्याण होता है। सभी को गुरू के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव सेवा में योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद, महंत रघुवीर दास, महंत मोहन सिंह, महंत विष्णुदास, महंत सूरज दास, महंत मोहन सिंह, माता प्रिया भारती, कथा व्यास स्वामी अमिता भारती, स्वामी चेतन्या भारती, माता सुमेधा भारती, माता विवेक भारती, माता विशभ भारती, आश्रम के वाइस प्रेजीडेंट जोगेंद्रलाल क्वात्रा, नरेश बंसल, प्रबंधक दिनेश, ट्रस्टी साहिल खुराना, सुन्दर लाल मोगा, जोगेंद्र आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।

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