हरिद्वार समाचार-चिंतामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेतांबर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं नवरत्न ग्रुप परंपरा के वर्तमान नायक आचार्य भगवंत श्री नवरत्न सागर सुरीश्वर महाराज ने कहा है कि प्रार्थना एक ऐसी साधना है, एक ऐसी तपस्या है जिसमें किसी अन्य की आवश्यकता नहीं पड़ती। बस इसमें सुधीर ह्रदय, सच्ची श्रद्धा होनी चाहिए। जिससे व्यक्ति परमात्मा की शरण में पहुंचता है। भूपतवाला स्थित आश्रम में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए नवरत्न सागर सुरीश्वर महाराज ने कहा कि हिंदु संत एवं जैन संतो को एकजुट पर हरिद्वार में महा मांगलिक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य धर्म एवं संस्कृति की रक्षा कर युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाना है। हरिद्वार में यह आयोजन पहली बार होगा। जिसमें जैन संप्रदाय के संत बड़ी संख्या में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कुछ विदेशी ताकतें सनातन धर्म और भारत देश को तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए सभी संतो को एकजुट होकर राष्ट्र की एकता अखंडता को कायम रखने में अपना योगदान प्रदान करना होगा। युवाचार्य भगवंत श्री विश्वरत्न सागर महाराज ने कहा कि महा मांगलिक कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पूरे देश से जैन संत एवं धर्मावलंबी एकत्रित होंगे। जिसमें राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हिस्सा लेकर धर्म के मुद्दे पर अपने विचार रखेंगे। उन्होंने बताया कि यह महा मांगलिक कार्यक्रम हरिद्वार में पहली बार होने जा रहा है। जिसका लाभ देश विदेश में बैठे श्रद्धालु भक्त भी टीवी चैनलों के माध्यम से उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि आज देश को धर्माचार्य ही सही दिशा प्रदान कर सकते हैं। युवा पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की ओर बढ़ रही है और सनातन परंपराओं का हास हो रहा है। ऐसे में सभी को एकजुट होकर समाज को एकत्रित करने की आवश्यकता है। युवा पीढ़ी सनातन धर्म की रीढ़ है। जिनमें संस्कृति एवं संस्कार को जागृत कर ही धर्म की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने सभी धर्माचार्यो से अपील करते हुए कहा कि इस महा मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होकर श्रद्धालु भक्तों एवं समाज को अपने अमूल्य वचनों से कृतार्थ करें और धर्म एवं संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए अवश्य प्रेरित करें। इस अवसर पर समाजसेवी ओमकार जैन, पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी, महंत सूरज दास, महंत आनन्द स्वरूप आदि मौजूद रहे।