हरिद्वार समाचार-श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन फेरूपुर शाखा के कारोबारी महंत निर्मलदास महाराज ने कहा है कि कोरोना महामारी के चलते इस समय पूरा देश एक आपदा का सामना कर रहा है। महामारी की वजह से बड़ी संख्या में लोगों की मौत होना बेहद दुखद है। ऐसी दुखद स्थिति में संत समाज देश के आमजन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। सभी को एकजुट होकर आपदा के इस दौर का सामना करना है। प्रैस को जारी बयान में महंत निर्मलदास महाराज ने कहा कि नियमों का पालन कर ही कोरोना को हराया जा सकता है। वर्तमान में जिस प्रकार से संक्रमण बढ़ रहा है, उससे डरने की जरूरत नहीं है। जरूरत है तो नकारात्मक खबरों से दूरी बना कर अपने आपको सकारात्मक ऊर्जावान बनाए रखने की। उन्होंने सभी देशवासियों से अपील करते हुए कहा कि संकट के इस दौर में धैर्य का परिचय देते हुए सभी को घरों मे रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि संतों का जीवन सदैव ही परोपकार को समर्पित रहता है। देश को जब-जब किसी संकट का सामना करना पड़ा तो संत समाज मदद के लिए सदैव आगे रहा। पिछले वर्ष कोरोना महामारी का दौर शुरू होने के बाद संत समाज ने आगे बढ़कर जरूरमंदों की सेवा में योगदान दिया। महंत निर्मलदास महाराज ने कहा कि कोरोना के चलते आज देश एक बड़े संकट का सामना कर रहा है। देश को इस संकट से शीघ्र निजात मिले समस्त संत समाज इसके लिए लगातार प्रार्थना व अनुष्ठान कर रहा है। कोरोना के इस दौर में गरीब मजदूर वर्ग सर्वाधिक संकट में है। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी क्षमता के अनुसार गरीब जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। कोरोना एक वैश्विक महामारी है। इससे डरना नही लड़ना है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करे। बार बार हाथ धोते रहे और एक दूसरे से दो गज की दूरी बनाकर रखें। उन्होंने कहा कि गुनगुना पानी पीयें और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाने के लिए नियमित रूप से योगासन व प्राणायाम करें। पीड़ितों की सेवा करे। सेवा में ही जीवन का आनंद है। मानव सेवा सबसे बड़ा धर्म है। सेवा ही सनातन धर्म है। संकट की इस घड़ी में धैर्य का परिचय देते हुए कोरोना नियमों का पूर्ण रूप से पालन करें।

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