हरिद्वार
नशा तस्करी, महिला अपराधों, साइबर अपराध एवं यातायात प्रबंधन को लेकर गंभीर एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा देर रात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद के सभी राजपत्रित एवं थाना पुलिस ऑफिसर्स के साथ गहन समीक्षा गोष्ठी आयोजित की गई।
इस दौरान श्री डोबाल द्वारा कड़ा रुख अपनाते हुए सभी ऑफिसर्स को अपने-अपने थाना क्षेत्र में अलर्ट रहते हुए पुलिस बल के मैक्सिमम यूटिलाइजेशन पर जोर दिया साथ ही जमानत पर छूटे अपराधियों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए संबंधितों को निर्देशित किया।
मादक पदार्थ तस्करी पर बात करते हुए श्री डोबाल द्वारा अधिक से अधिक नशा तस्करों को पकड़ने व जनजागरुकता को महत्वपूर्ण बताया। प्रत्येक सप्ताह आबादी वाले क्षेत्रों में जनता को जागरूक करने के उद्देश्य से चौपाल लगाने पर जोर दिया। इस दौरान उनके द्वारा एसपी सिटी व एसपी देहात को पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी देते हुए सभी थाना क्षेत्र में चौपाल के माध्यम से जनता का भरोसा जीतने एवं नशा तस्करी पर लगाम लगाने के निर्देश दिए।
थाने में अपनी फरियाद को लेकर आने वाले आगंतुकों के साथ पुलिस ऑफिसर द्वारा अच्छा व्यवहार न करने को गंभीरता से लेते हुए एसएसपी द्वारा पुलिस ऑफिसर को सख्त लहजे में कहा गया कि अपने व्यवहार में सुधार करें और आगंतुकों के साथ शालीनता से व्यवहार करें।
थाने पर आने वाले फरियादियों की समस्याओं का हर समय थाना स्तर पर समाधान किया जाए एवं उनकी एंट्री आगंतुक रजिस्टर में अवश्य हो।
रात्रि के समय थाना क्षेत्र में कोई घटना होने पर रात्रि अधिकारी को प्रत्येक दशा में घटनास्थल पर जाने के दिशा निर्देश दिए गए एवं घटनास्थल पहुंचकर वस्तु स्थिति से उच्चाधिकारों को अवगत कराएंगे, के निर्देश दिए गए।
रात्रि के समय गस्त पिकेट ड्यूटी पर नियुक्त कर्मचारियों द्वारा अपनी ड्यूटी को सीरियसली न लेने को गंभीरता से लिया गया और समस्त थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया कि समस्त ड्यूटी कर्मियों को गस्त पर जाने से पहले भली भांति ब्रीफ किया जाए उसके बाद ही रवाना करें।
जनपद में हुए विभिन्न एक्सीडेंट के मामले, वाहनों की बढ़ती संख्या एवं उनसे लगने वाले जाम का जिक्र करते हुए श्री डोबाल द्वारा मुख्यतः हरिद्वार एवं रुड़की शहर की यातायात व्यवस्था सुधारने के लिए अधिक मेहनत से काम करते हुए उपस्थित अधिकारियों से सुझाव मांगे एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिए तथा सीओ ट्रैफिक को एक बेहतर कार्य योजना बनाते हुए कार्ययोजना को मूर्त रूप देने की जिम्मेदार दी।
थाने या कार्यालय में आने वाले फरियादियों की समस्याओं को भली भांति सुनकर जो उचित करवाई है वह तत्काल की जाए। महिला फरियादियों की समस्या हेतु महिला कर्मियों को नियुक्त किया जाए इत्यादि