देहरादून, 10 सितंबर। सूबे के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने मंगलवार को देहरादून में केन्द्रीय वस्त्र मंत्रालय के अधीन केन्द्रीय रेशम बोर्ड रेशम विभाग उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड को-ऑपरेटिब रेशम फेडरेशन के तत्वाधान में सिल्क मार्क आर्गेनाइजेसन द्वारा आयोजित सिल्क एक्सपो में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग कर एक्सपो शुभारम्भ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने एक्सपो में लगाई गई रेशम से निर्मित उत्पादों के स्टोल का अवलोकन भी किया।
इस सिल्क एक्सपो में 9 राज्यों के 15 बुनकरों द्वारा प्रतिभाग किया जा रहा है (बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड इत्यादित राज्यों से) एक्सपो का आयोजन रेशम के प्रचार-प्रसार एवं विभिन्न प्रदेशों के रेशम बुनकरों को एक प्लेटफार्म प्रदान करना है। सिल्क मार्क केंद्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार की एक पहल है। सिल्क मार्क का प्रबंधन सिल्क मार्क ऑर्गनाइजेशन ऑफ इंडिया (एसएमओआई) द्वारा किया जाता है। छः वर्षों से अधिक की अपनी छोटी सी अवधि में समोई ने लगभग 5000 अधिकृत उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने और बाजार में पाँच करोड़ से अधिक सिल्क मार्फ लेवल वाले उत्पाद उपलब्ध कराने में शानदार सफलता हासिल की है। सिल्क मार्क एक्सपो सिल्क मार्क के प्रचार में एक शक्तिशाली उपकरण साबित हुआ है। इस वर्ष के दौरान देश भर के प्रमुख महानगरों में बारह एक्सपो आयोजित किए जा रहे हैं। देहरादून एक्सपो श्रृंखला का दूसरा एक्सपो है जो 10 से 15 सितंबर, 2024 तक होटल मधुबन, राजपुररोड, देहरादन, उत्तराखंड में आयोजित किया जाएगा। इसमें 26 प्रतिभागियों द्वारा एक ही छत के नीचे भारत के दूरदराज के बुनाई समूहों से प्राप्त शुद्ध रेशम उत्पादों की पूरी श्रृंखला का प्रदर्शन किया जाएगा
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रदर्शनियों का आयोजन के माध्यम से ग्राहक को उचित मूल्य पर अच्छी गुणवत्ता का सामान उपलब्ध होने एक बेहतर प्रयास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य के उत्पाद भी दून सिल्क ब्रांड से बाजार में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई में तीन पावर लूम स्थापित किये गये हैं, जिससे वस्त्रोपादन में तेजी आयेगी। उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 250 बनुकरों (देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी) को केन्द्रीय रेशम बोर्ड के माध्यम से हथकरघा उपलब्ध कराये गये हैं। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 45 हजार मीटर वस्त्रोपादन किया जा रहा है। देहरादून, ऋषिकेश एवं मसूरी में उत्तराखण्ड को-ऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के माध्यम से तीन आउटलेट का संचालन किया जा रहा है। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उत्तराखंड की जलवायु शहतूती, एरी, मूंगा व टसर जैसे रेशम उत्पादन के लिए उपयुक्त है, जिससे प्रदेश के किसान भाइयों की आय में वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के रेशम उद्योग को और ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रदेश सरकार हर संभव प्रयास कर रही हैं, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो। मंत्री गणेश जोशी ने विश्वास जताते हुए कहा कि यह एक्सपो रेशम के प्रचार-प्रसार और बुनकरों की समृद्धि में अहम भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर राज्यमंत्री कैलाश पंत, रेशम फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष अजीत चौधरी, प्रदीप रावत, सुरेन्द्र राणा, ज्योति कोटिया, रेशम निदेशक प्रदीप सिंह सहित कई लोग उपस्थित रहे।