हरिद्वार समाचार– अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद ने गुजरात के भरूच में अस्पताल में आग लगने से हुई मरीजों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मां गंगा से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। बैरागी कैंप स्थित श्रीपंच निर्मोही अखाड़े में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में मृतकों को श्रद्धांजलि देते हुए अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि गुजरात में कोविड सेंटर में आग की घटना हृदय विदारक है। ऐसी घटनाओं की पुनर्रावृत्ति ना हो। राज्य की सरकारों को ठोस कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि आग से जान गंवाने वाले मरीजों के परिजनों को मुआवजे के तौर पर गुजरात सरकार 10-10 लाख तथा घायलों को 5-5 लाख रूपए दे। साथ ही प्रत्येक मृतक के परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाए। उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह से भी मांग की कि देश के विभिन्न राज्यों के अस्पतालों में मरीजों को अत्याधुनिक उपचार की सुविधाएं युद्ध स्तर पर मुहैया करायी जाएं। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि कोविड मरीजों की देखभाल ठीक रूप से की जानी चाहिए। अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं ना हों। इसको लेकर राज्य के मुख्यमंत्री उचित कदम उठाएं। देश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। विपत्ती के इस दौर में चिकित्सा व्यवस्था पर सरकारों को विशेषतौर पर फोकस करना चाहिए। कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि कोविड सेंटर में आग से 18 मरीजों की मौत होना बेहद ही दुखदायी है। असमय काल के ग्रास में समायी आत्माओं को मां गंगा आत्मशांति दे। उनके परिवारों को इस दुख की घड़ी को सहन करने की असीम शक्ति भगवान प्रदान करे। उन्होंने कहा कि संत समाज गुजरात की इस घटना से आहत है। उन्होंने कहा कि कोविड अस्पतालों में राज्य की सरकारों को सुरक्षा के कड़े इंतजाम करने चाहिए। आग से होने वाली घटनाएं ना हो। इसको लेकर भी विशेष काम करने की आवश्यकता है। मरीजों को सही उपचार उपलब्ध कराना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि संकट के इस दौर में देश का संत समाज लोगों के साथ खड़ा है। संत महापुरूष सदैव ही देश कल्याण में अपना योगदान देते चले आ रहे हैं। कोरोना काल में भी संत समाज द्वारा जरूरतमंदों की आवश्यकताओं को पूरा किया गया। आग से 18 मरीजों की मौत से पूरा देश सहमा हुआ है। अध्यक्ष श्रीमहंत रामकृष्ण दास नगरिया महाराज ने कहा कि अस्पताल में आग लगने से मरीजों की मौत होना बेहद दुखदायी है। इस घटना को लेकर संत समाज बेहद व्यथित है। सरकार को मरीजों को प्रभावी उपचार के साथ उनकी सुरक्षा के उपाय भी सुनिश्चित करनी चाहिए। आग लगने की घटना में घायल हुए मरीजों को मुआवजे के साथ सरकारी खर्च पर उनका उपचार कराया जाए। जगन्नाथ मंदिर के परमाध्यक्ष श्रीमहंत दिलीप दास महाराज व मुख्य ट्रस्टी महेंद्र भाई झा ने कहा कि कोरोना महामारी के चलते इस समय पूरा देश विपत्ती काल से गुजर रहा है। ऐसे में अस्तपाल में आग लगने से उपचार करा रहे मरीजों की मौत होना दुखदायी है। सरकारों को अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करनी चाहिए। महंत विष्णुदास, महंत रघुवीर दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी, महंत प्रमोद दास, महंत राजेंद्रदास, महंत अवध बिहारी दास, महंत गौरीशंकर दास, महंत मोहनदास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत अर्जुन दास, महंत अगस्त दास, महंत नरेद्र दास, महंत महेश दास, महंत नागा सुखदेव दास, महंत रामदास, महंत रामजी दास, ब्रह्माण्ड गुरू अनन्त महाप्रभु, महंत रामकिशोर दास शास्त्री आदि संतों ने भी मरीजों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।