हरिद्वार समाचार– तीनों वैष्णव अनी अखाड़ा के सानिध्य में जैनपुर नागदा खालसा के महंत स्वामी शिवपाल दास महाराज को विधिवत रूप से पट्टा अभिषेक कर निर्मोही अखाड़े का महामंडलेश्वर नियुक्त किया गया। इस अवसर पर अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और भारत के संतों ने देश का जो स्वरूप विश्व पटल पर प्रस्तुत किया है वह अविस्मरणीय है। बैरागी कैंप स्थित निर्मोही अखाड़े में महामंडलेश्वर पट्टा अभिषेक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमहंत राजेंद्र दास महाराज ने कहा कि संतों का कार्य सदैव समाज में सद्भाव का वातावरण बनाकर कर सन्मार्ग की प्रेरणा देना होता है। संत हमेशा ही अपने भक्तों को ज्ञान की प्रेरणा देकर उनके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। स्वामी शिवपाल दास महाराज एक विद्वान संत हैं। हमें आशा है कि अखाड़े की परंपराओं का निर्वहन करते हुए वह धर्म और संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में अपना योगदान प्रदान करेंगे। अखिल भारतीय श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज एवं अखिल भारतीय श्रीपंच दिगंबर अनी अखाड़े के श्रीमहंत कृष्णदास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए संतो ने हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई है। स्वामी शिवपाल दास महाराज एक महान संत हैं। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित किया है। ऐसे योग्य महापुरुष के अखाड़े में सम्मिलित होने पर अखाड़े का मान और बढ़ेगा। महामंडलेश्वर सांवरिया बाबा ने कहा कि संतो के तपोबल से भारत की पूरे विश्व में एक अलग पहचान है और गुरु शिष्य परंपरा भारत को महान बनाती है। स्वामी शिवपाल दास महाराज एक योग्य संत हंै। उनके उज्जवल भविष्य की कामना संपूर्ण संत समाज करता है। नवनियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी शिवपाल दास महाराज ने कहा कि जो दायित्व उन्हें वैष्णव समाज द्वारा सौंपा गया है। उसका वह पूरी निष्ठा के साथ निर्वहन करते हुए धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का महंत नरेंद्रदास एवं महंत महेशदास महाराज ने फूलमाला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर श्रीमहंत दिलीप दास महाराज, महेद्र भाई झा, महंत रामदास महाराज, महंत गौरीशंकर दास महाराज, महंत रासबिहारी दास काठियाबाबा, महंत रामजी दास, महंत रामकिशोर दास शास्त्री, महंत मोहन दास खाकी, महंत भगवान दास खाकी, महंत गौरी शंकर दास, महंत अनिरुद्ध दास, महंत मनीष दास, महंत रामदास, महंत रामशरण दास, महंत नरेंद्र दास, महंत महेश दास, महंत प्रेमदास, महंत लाल दास, महंत अगस्त दास, महंत मोहन दास, महंत विष्णु दास, बाबा हठयोगी, महंत रघुवीर दास, महंत रामदास, महंत पवनदास, महंत सनत कुमार दास, मंहत महेश दास, मंहत नरेन्द्र दास, महत जयनारायण दास, महंत अजीत दास, महंत सुरेंद्र दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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