हरीद्वार-श्री पीठ वसंतोत्सव भंडारा हरिद्वार कांगड़ी में बसंत पंचमी बागेश्वरी जयंती के शुभ अवसर पर विश्वशक्ति आत्मयोग श्री पीठ कांगड़ी में श्री पीठ बसंतोत्सव पर दिव्या भंडारे का आयोजन किया गया इस अवसर पर श्री पीठ के पीठाधीश्वर महामहेश्वर स्वामी कमलेशानंद शक्तताचार्य ने महाराज जी शक्तत साधना का दिव्य संदेश दिया भावनोपानिषद मे उदय शक्ति परामबा ललिता श्री महीसासुंदरी की आराधना के तीन भेद कहे गए हैं स्थूल सूक्ष्म और कारण इन्हीं को इस दही अंग बहियायांग अंतरयोग और महा यांग नामों से जाना जाता है बही यांग का जो स्थूल रूप है श्री यंत्र का विभिन्न पूजा सामग्री से 9 आवरण पुजारी अंतयाग सूक्ष्म रूप है श्री विद्या के महामंत्रों का अर्थ अनुसंधान शरीर के षट्चक्रो का ध्यान करते हुए सतोत्राद्री का महापाठ करना महायाग कारण अतः कारण शरीर के सभी अवयवो को श्री चक्र के रूम में भाविक करके अपने को विश्वमय बनाता है ऐसे वैश्विक शक्तिपीठ श्री शक्तत साधना को विस्तार देने के लिए राष्ट्र का शक्तत समृद्ध शाली बनाने के लिए श्री विश्व शक्ति आत्म योग पीठ ने श्री शक्तत अखाड़ा मिशन की स्थापना करेगा इस अवसर पर हरिद्वार के बहुत से आश्रम मठ मंदिर अखाड़ों के संत महंत ब्राह्मण आदि उपस्थित रहे सभी ने भंडारे में दिव्य प्रसाद ग्रहण करने के साथ-साथ दक्षिणा अधिग्रहण कर दिव्य भंडारे की प्रशंसा की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *