हरिद्वार– श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा है कि कुछ असामाजिक तत्व अखाड़े की संपत्ति को खुर्द खुर्द करने की नियत से अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। जिनके मंसूबों को कभी कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। कनखल स्थित पंचायती अखाड़ा निर्मल में प्रैस को जारी बयान में कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि शासन प्रशासन से लेकर देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज से भेंट वार्ता कर उनके स्वास्थ्य लाभ की जानकारी ली और प्रयागराज, उज्जैन, नासिक सहित हरिद्वार कुंभ मेला भी श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज की अध्यक्षता में ही सकुशल संपन्न हुआ। कानूनी प्रक्रिया से हताश हो चुके संत के चोले में भगवाधारी असामाजिक तत्व पहले भी कई बार अखाड़े की संपत्ति को खुर्द बंद करने का प्रयास कर चुके हैं। लेकिन उनके मंसूबे कभी कामयाब नहीं हो पाए। संत समाज की एकता और प्रशासन की सतर्कता ऐसे असामाजिक तत्वों का पर्दाफाश करती रहती है। धोखाधड़ी से अखाड़े की संपत्ति को अपने नाम करा लेने पर ऐसे कई फर्जी भगवाधारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा भी दर्ज है। जो बार-बार शासन प्रशासन के पास जाकर उनको गुमराह करने का कार्य कर रहे हैं। प्रशासन को ऐसे फर्जी महंतों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए और धर्म नगरी हरिद्वार में ऐसे भगवा धारियों का प्रवेश बंद करना चाहिए। जो उत्तराखंड की गरिमा को ठेस पहुंचाकर अखाड़ों की संपत्ति को खुर्द करने का सपना देख रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि हरिद्वार के कुछ संत भी ऐसे फर्जी संतों का साथ देकर समाज में विद्वेष फैलाने का कार्य कर रहे हैं। जिनका निर्मल अखाड़ा पहले ही बहिष्कार कर चुका है। बार-बार मात खाने पर भी ऐसे तथाकथित असामाजिक तत्व बाज नहीं आ रहे हैं। जल्द ही संत समाज अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्रपुरी महाराज मिलकर बैठक बुलाकर ऐसे तथाकथित संतो को फर्जी करार देने और समाज से इनका संपूर्ण रूप से बहिष्कार करने की अपील करेगा। इस अवसर पर महंत अमनदीप सिंह, महंत साहब सिंह, महंत दर्शन सिंह शास्त्री, संत बीरसिंह, संत जरनैल सिंह, संत वीरेंद्र सिंह, महंत गुरूप्रीत सिंह, महंत खेमसिंह, संत सुखमन सिंह, संत तलविंदर सिंह, संत जसकरण सिंह, महंत निर्भय सिंह, संत हरजोध सिंह, समाजसेवी देवेंद्र सिंह सोढ़ी उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *