हरिद्वार समाचार– कुंभ मेला निर्माण कार्यो में बैरागी कैंप की उपेक्षा किए जाने से बैरागी संतों का गुस्सा नहीं थम रहा है। बैरागी कैंप में तीनों वैष्णव अखाड़ों की बैठक में प्रैस को बयान जारी करते हुए श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि मेला प्रशासन लगातार वैष्णव अखाड़ों की उपेक्षा कर रहा है। वैष्णव संतों के बार बार मांग करने के बाद भी बैरागी कैंप में वैष्णव अखाड़ों की छावनियां स्थापित करने के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि कुंभ मेला शुरू होने वाला है। लेकिन अभी तक बैरागी कैंप में किसी भी प्रकार की सुविधाएं मेला प्रशासन ने उपलब्ध नहीं करायी हैं। कुंभ मेले के दौरान देश भर से लाखों बैरागी संत व खालसे हरिद्वार आएंगे। लाखों की संख्या में आने वाले वैष्णव संतों के निवास के लिए छावनियां स्थापित की जानी हैं। बार बार मांग करने के बावजूद कुछ नहीं किया जा रहा है। इससे परेशान वैष्णव अखाड़ों के संतों ने संयुक्त रूप से अखाड़ा परिषद अध्यक्ष को ज्ञापन भी दिया है। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि कुछ विशेष समूह के संत बैरागी कैंप में अतिक्रमण करके बड़े बड़े आश्रम और बिल्डिंग खड़ी कर रहे हैं। संत कई बार अतिक्रमण हटाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन बार बार मांग करने के बावजूद भी अवैध अतिक्रमण का नहीं हटाया जा रहा है। बैरागी कैंप अनादि काल से ही बैेरागी संतों के लिए आरक्षित रहा है और आगे भी रहेगा।

श्रीपंच निर्वाणी अनी अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि वैष्णव अखाड़ों के मांग करने के बाद अखाड़ों को सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाती है। लेकिन अभी तक बैरागी कैंप में कोई भी कार्य नहीं कराया जाना बेहद निंदनीय है। मेला प्रशासन को सभी काम छोड़कर सबसे पहले बैरागी कैंप में शौचालय, बिजली, पानी, टीन शेड लगाए जाने की सुविधा प्रदान करनी चाहिए।

श्री रामानंदीय खाकी अखाड़े के महंत मोहनदास महाराज ने कहा कि बैरागी कैंप क्षेत्र की उपेक्षा मेला प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है। कोरोना काल में सरकार के सभी रैलियां व अन्य राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हैं। लाखों किसान धरने पर बैठे हैं। सरकार बैरागी संतों की उपेक्षा ना करे। वृन्दावन कुंभ के बाद लाखों संत हरिद्वार कूच करेंगे और यदि संतों बैरागी संतों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं करायी गयी तो उग्र आंदोलन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का आंदोलन तो संभाल पा रही है। लेकिन संत महात्माओं का आंदोलन नहीं संभाल पाएगी। इसलिए सरकार कंुभ मेले से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी करे।

श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़े के श्रीमहंत किशनदास महाराज ने कहा कि धार्मिक आयोजनों पर रोक लगाना सरकार की अज्ञानता को दर्शाता है। अनुष्ठान व पूजा पाठ से महामारी व बीमारियां दूर होती हैं। जब भी देश पर कोई विपत्ती आती है तो धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं। संतों के बार बार समझाने के बाद भी सरकार समझ नहीं रही है। बाबा हठयोगी दिगंबर ने कहा कि सभी संत महापुरूष सरकार गाइड लाईन का पालन करने को तैयार हैं। लेकिन नियम इतने सख्त भी नहीं होने चाहिए कि कुंभ का आयोजन ही खतरे में पड़ जाएगा। जब बड़ी बड़ी राजनैतिक रैलियां हो सकती हैं तो धर्म के कार्य में रोड़ा क्यों अटकाया जा रहा है। इस अवसर पर महंत राजेंद्रदास, महंत सुखदेव दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत अगस्त दास, महंत सुमित दास आदि संत मौजूद रहे।

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