हरिद्वार समाचार– बाबा हठयोगी महाराज ने कहा है कि कुंभ मेला भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है। जो देश में एकता व अखंडता कायम रखता है। देश विदेश से करोड़ों श्रद्धालु भक्त मेले के दौरान पतित पावनी मां गंगा में आचमन कर अपने जीवन को भवसागर से पार लगाते हैं। भूपतवाला स्थित श्री श्री आत्म योग निकेतन धाम में आयोजित संत समागम में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए बाबा हठयोगी दिगंबर ने कहा कि सभी जाति संप्रदाय के लोग कुंभ मेले के दौरान सनातन संस्कृति से प्रभावित होकर संत महापुरुषों से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं। कुंभ मेले को सकुशल संपन्न कराना सभी का दायित्व है। महंत विष्णु दास महाराज ने कहा कि अखाड़े आश्रम एवं संत परंपरा से ही विश्व भर में भारत का एक अलग स्थान है। गुरु शिष्य परंपरा प्राचीन काल से ही भारत को महान बनाती है। ब्रह्मलीन स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज ने सदैव ही समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर सनातन धर्म को नई ऊंचाइयां प्रदान की। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। महामंडलेश्वर आचार्य स्वामी महेश आनंद महाराज ने कहा कि संत महापुरुषों के सानिध्य में ही व्यक्ति का कल्याण संभव है। क्योंकि व्यक्ति चाहे किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हो उसे गुरु की आवश्यकता पड़ती ही है और महापुरुषों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है। ब्रह्मलीन स्वामी आत्मानंद महाराज एक दिव्य महापुरुष थे। जिन्होंने सदैव समाज का मार्गदर्शन किया श्री श्री आत्म योग निकेतन धाम की प्रमाध्यक्ष महामंडलेश्वर साध्वी संतोष आनंद सरस्वती महाराज ने कहा कि सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही संतों का सानिध्य प्राप्त होता है और जिस जगह संत सम्मेलन का आयोजन हो जाता है। वह सदैव के लिए पूजनीय हो जाती है। पूज्य गुरुदेव ब्रह्मलीन स्वामी आत्मानंद सरस्वती महाराज एक विद्वान महापुरुष थे। जिन के बताए मार्ग पर चलकर ही संत समाज की निरंतर सेवा की जा रही है। इस अवसर पर महंत राजेंद्रदास महाराज, महंत प्रहलाद दास, महंत देवानन्द सरस्वती, महंत कमलदास, महंत प्रेमदास, महंत अवध बिहारी दास, महंत सूरजदास, महंत अरूणदास, महंत सुमित दास, महंत पटवारी महाराज आदि संतजन मौजूद रहे।