हरिद्वार समाचार– श्री साधु गरीबदासी सेवा आश्रम ट्रस्ट में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया। इस दौरान आश्रम से लेकर मायापुर घाट तक भव्य कलश शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें दर्जनों महिला श्रद्धालुओं ने भाग लिया। श्रद्धालु भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत मां गंगा की भांति बहने वाली ज्ञान की अविरल धारा है। जिसे जितना ग्रहण करो उतनी ही जिज्ञासा बढ़ती है और प्रत्येक सत्संग से अधिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का शमन हो जाता है और उसका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। श्रीमद् भागवत कथा व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार लगाती है और उसके मन से मृत्यु का भय मिटाकर उसके बैकुंठ का मार्ग प्रशस्त करती है। सभी को समय निकालकर श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती एवं स्वामी हरिहरानंद महाराज ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है। जिसके श्रवण से व्यक्ति के अंतःकरण की शुद्धि होती है। देवभूमि उत्तराखंड की पावन धरा पर और मां गंगा के तट पर कथा श्रवण का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। डा.पदम प्रसाद सुवेदी ने कथा में पधारे सभी संत महापुरुषों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया और कहा कि जिस जगह पर श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो और संत महापुरुषों का सानिध्य प्राप्त हो। वह स्थल सदैव के लिए तीर्थ हो जाता है। कथा के मुख्य यजमान रमेश लूथरा, कमलेश लूथरा, राजीव बहेल, रितु बहेल, केके बहेल, विक्रम लूथरा, सुगंधा लूथरा ने कथा व्यास स्वामी रविदेव शास्त्री का फूलमाला पहनाकर स्वागत किया और सभी संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर स्वामी ज्ञानानंद शास्त्री, स्वामी अनंतानंद, स्वामी योगेंद्रानंद शास्त्री, महंत शिवानंद, महंत कृष्णानंद, स्वामी दिनेश दास, समाजसेवी संजय वर्मा, अनिल पुरी आदि उपस्थित रहे।