हरिद्वार समाचार-अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों ने तुलसी पीठाधीश्वर जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामभद्राचार्य महाराज के नेतृत्व में राजधानी देहरादून में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रवत से भेंटकर कुंभ के सफल आयोजन के लिए आशीर्वाद प्रदान कर बधाई दी और प्रशस्ति पत्र भेंट किया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सभी संतों का फूलमाला पहनाकर स्वागत कर आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री आवास में हुई भेंटवार्ता के दौरान अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रामकृष्ण दास नगरिया बाबा ने कुंभ के सफल आयोजन के लिए आशीर्वाद देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत सनातन धर्म प्रेमी हैं। असामान्य परिस्थितियों में कुशल प्रशासक की भूमिका निभाते उन्होंने जिस प्रकार कुंभ का आयोजन कराया उसके लिए वह बधाई तथा साधुवाद के पात्र हैं। महामंत्री श्रीमहंत राजेद्रदास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने नाम के अनुरूप तीर्थ मर्यादा का सम्मान करते हुए कुंभ का सफल आयोजन कराया तथा शाही स्नान व अन्य आयोजनों के दौरान संतों पर हेलीकाॅप्टर से पुष्प वर्षा कर संत समाज का मान बढ़ाया। इसके लिए वे आशीर्वाद के पात्र हैं। श्रीमहंत राजेंद्रदास महाराज ने कहा कि तीनों बैरागी अनी अखाड़ों द्वारा कराए जा रहे संत निवास के निर्माण के दौरान अधिकारी कार्य रूकवाने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि अखाड़े के संतों को बेवजह परेशान ना किया जाए और सरकार तीनों बैरागी अखाड़ों को स्थायी तौर पर भूमि का आवंटन करे। जिससे संतों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े। कोषाध्यक्ष श्रीमहंत धर्मदास महाराज ने कहा कि कुंभ के दौरान वैष्णव संतों ने सरकार की गाइड लाईन पूरा पालन किया। जिससे प्रशासन व संतो के आपसी समन्वय से कुंभ मेला निर्विघ्न रूप से संपन्न हुआ। जिसका संपूर्ण श्रेय मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को जाता है। प्रवक्ता महंत गौरीशंकर दास महाराज ने जानकारी देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि संतों के निर्माण कार्य नहीं रूकेंगे और वे स्वयं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता कर परेशानियों को दूर कराएंगे। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अखिल भारतीय वैष्णव अखाड़ा परिषद के पदाधिकारी शीघ्र ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेंगे। इस दौरान महंत नरेंद्रदास, महंत महेश दास, महंत रामजी दास, महंत मोहनदास खाकी, महंत भगवानदास खाकी, स्वामी रामचंद्र दास आदि शामिल रहे।