हरिद्वार समाचार– किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर पूजा माई एवं साध्वी हिमानीनंद सरस्वती महाराज ने शिवरात्रि के अवसर पर ब्रह्मलीन महंत परमानंद सरस्वती महाराज के उत्तराधिकारी महामंडलेश्वर हिमानंद सरस्वती महाराज से सन्यास दीक्षा ग्रहण की। इस दौरान संत समाज ने उन्हें आशीर्वाद प्रदान कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हिमानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान कर राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। महामंडलेश्वर पूजानंद सरस्वती एवं साध्वी हिमानीनंद सरस्वती महाराज युवा संत हैं। जो सनातन परंपराओं का निर्वहन करते हुए धर्म के नए आयाम स्थापित करेंगे। समस्त संत समाज को इनसे आशा है कि राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाते हुए विभिन्न सेवा प्रकल्पों के माध्यम से दोनों संतों की सेवा में अपना जीवन समर्पित करेंगी। महामंडलेश्वर पूजानंद सरस्वती एवं साध्वी हिमानीनंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जो आशा संत समाज उनसे करता है। वह उस कसौटी पर खरा उतरेंगे और अपना संपूर्ण जीवन भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म के प्रचार प्रसार हेतु समर्पित करेंगे। उन्होंने कहा कि संत महापुरुषों के आशीर्वाद से ही देश दुनिया में भारत की एक अलग पहचान है। अपने गुरुजनों की सेवा कर उनके बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए राष्ट्र निर्माण में योगदान करना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य होगा। साथ ही गंगा तट से सेवा प्रकल्प चलाकर गरीब असहाय व निर्धन परिवारों की मदद के लिए भी वे हमेशा प्रयासरत रहेंगे। उन्होंने कहा कि संतों का जीवन सदैव ही मानव सेवा के लिए समर्पित रहता है। पूज्य गुरुदेव स्वामी हिमानंद सरस्वती महाराज एक विद्वान महापुरुष है। जिनके मार्गदर्शन में वह सदा धर्म के संरक्षण संवर्धन में अपनी भूमिका निभाते हुए मानव सेवा को सदैव समर्पित रहेंगी। इस दौरान पंडित ज्ञानेंद्र मिश्रा, स्वामी अवधेशानंद सरस्वती, स्वामी पुरुषोत्तमानंद सरस्वती, स्वामी मेघानंद सरस्वती, समाजसेवी ईश्वर गर्ग, रामानंद सरस्वती, महंत महेश पुरी, धीरज सैनी, राजीव पाठक आदि उपस्थित रहे।