देहरादून – राज्य में संचालित चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के दृष्टिगत मा0 सदस्य राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण नई दिल्ली  राजेन्द्र सिंह ने नगर निगम सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर यात्रा व्यवस्थाओं की जानकारी के साथ ही अन्य मूलभूत सुविधाओं एवं यात्रियों/पर्यटकों की यात्रा के दौरान राज्य में भारी आमद के मध्यनजर की यात्रा प्रबंधन हेतु बनाए गए प्लान की जानकारी प्राप्त करते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रियों के आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान जो यात्री 60 वर्ष से अधिक उम्र के हैं उनका स्वास्थ्य जांच प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया जाए ताकि यात्रियों के मेडिकल इतिहास की जानकारी रहे तथा स्वास्थ्य संबंधी माॅनिटर किया जा सकेें। यात्रियों को धार्मिक स्थलों की जानकारी एवं यात्रा के दौरान क्या करें क्या न करें की बुकलेट/ पंपलेट बनाकर वितरित करना सुनिश्चित करें।
बैठक में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि चारधाम यात्रा भारी संख्या में यात्री आ रहे है, इसके लिए शासन-प्रशासन द्वारा अच्छी व्यवस्थाएं बनाई गई है। विगत वषों में कोविड संक्रमण के चलते इस वर्ष श्रद्धालुओं /यात्रियों की संख्या अनुमान से अधिक है इसके लिए और व्यवस्थाएं बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की चारधाम यात्रा में देश एवं विदेश से भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। ऐसी स्थिति में यह उत्तराखंड राज्य के लिए सुखद स्थिति है, परंतु यात्रियों को सुविधाएं दिया जाना हमारा कर्तव्य है, उन्होंने कहा कि यात्रियों के ठहरने, पेयजल, चिकित्सा सुविधा, स्वच्छता एवं साफ-सफाई, परिवहन की अच्छी व्यवस्था के साथ ही सभी मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाएं। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश चारधाम यात्रा का द्वार है, यहाँ पर यात्रियों का अच्छा स्वागत होना एवं धन्यवाद ज्ञापित करना चाहिए, ताकि वे यहां से अच्छी यादे लेकर जाएं। साथ ही जगह जगह पीने का प्याऊ आदि लगाए एवं बेहतर सफाई व्यवस्था बनाई जाए तथा इसका नियमित निरीक्षण किया जाए।
उन्होंने कहा कि यात्रियों के मार्ग दर्शन हेतु संबंधित यात्रा रूटों, ठहरने, चिकित्सा, भौगोलिक एवं जलवायु की स्थिति, स्वास्थ्य सम्बन्धी सुझाव आदि सुविधाओं की जानकारी पम्पलेट के माध्यम से आने वाले प्रत्येक यात्रियों को दी जाएं ताकि यात्रियों को सुविधा रहे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से पूर्व यात्रा के दौरान जो कमियां पाई गयी थी उनकी पुनरावृत्ति न हो इसके लिए बेहतर प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि अधिकारी स्वयं भी समय-समय पर निरीक्षण करें तथा यात्रा में आने वाले यात्रियों से वार्ता भी करें, ताकि कहीं जो कमी रह गई है उसको पूरा किया जाए। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों से प्रत्येक सप्ताह में एक बार समन्वय बैठक करते हुए समीक्षा करने के भी निर्देश दिए साथ ही विभिन्न स्थानों पर लगे अनाधिकृत होर्डिंग, पोस्टर बैनर हटाने के निर्देश दिए।
मा0 राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य ने मानसून को दृष्टिगत रखते हुए आपातकालीन स्थिति में आपदा प्रबंधन टीम को भी अलर्ट रखा जाए। साथ ही मानसून से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी लेते रहें तथा इसका प्रचार-प्रसार भी करें। उन्होंने कहा कि भीड़ बढ़ने की दशा में स्थानीय संसाधनों का किस प्रकार उपयोग किया जाना है की भी योजना बनाई जाए साथ ही यात्रा रूटों पर 8-9 बड़े प्वांइट तथा 6-7 छोटे प्वांइट चिन्हित करें जहां पर राज्य में अवस्थित सैना, अर्द्धसैनिक बलों एवं एसडीआरएफ के जवानों को भी तैनात किया जाए, जिससे यात्रा का बेहतर प्रबंधन के साथ ही संभावित आपदा से निपटा जा सकें।  
बैठक में अधिशासी निदेशक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण उत्तराखण्ड डाॅ0 पीयूष रौतेला अपर जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल ईला गिरी, नगर मजिस्ट्रेट देहरादून कुश्म चैहान, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून दिनेश चैहान, तहसीलदार ऋषिकेश अमृत शर्मा, संभागीय सहायक परिवहन अधिकारी ऋषिकेश अरविंद पांडे व मोहित कोठारी, सहायक नगर सहायक आयुक्त ऋषिकेश आनंद सिंह, जिला पूर्ति अधिकारी देहरादून जसवंत सिहं, जिला पर्यटन अधिकारी देहरादून जे.एस चैहान, अधिशासी अभियन्ता विद्युत शक्ति सिंह सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

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