हरिद्वार-जगतगुरु रामानुज आश्रम के अध्यक्ष जगतगुरु मधुसूदनाचार्य चिन्नास्वामी महाराज ने परंपराओं के विरुद्ध और आश्रम के नियमों के खिलाफ गतिविधियों में संलिप्त होने पर अपने शिष्य शुभम शर्मा को पूर्ण रूप से आश्रम से निष्कासित करने की घोषणा की है। प्रैस को जारी बयान में जगद्गुरु मधुसूदनाचार्य महाराज ने बताया कि संत समाज अपने ज्ञान और विद्वत्ता के माध्यम से समाज का मार्गदर्शन कर कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है और किसी भी संत अथवा शिष्य को आश्रम के विरुद्ध जाकर परंपराएं तोड़ने का अधिकार नहीं है। शिष्य शुभम शर्मा काफी समय से आश्रम की परंपराओं के विरुद्ध कार्य कर रहे थे और कई बार समझाने के बाद भी उनके आचरण और व्यवहार में कोई सुधार नहीं आया। इसलिए जगतगुरु रामानुज आश्रम से उनको हमेशा के लिए निष्कासित किया जाता है। भविष्य में उनका आश्रम से कोई भी संबंध नहीं रहेगा और उन से संबंध रखने वाले किसी भी संत अथवा व्यक्ति का भी आश्रम पूर्ण रूप से बहिष्कार करेगा। जगतगुरु मधुसूदनाचार्य महाराज ने कहा कि संत परंपरा का निर्वहन करना प्रत्येक साधु संत के लिए अनिवार्य है। संत बनने के बाद जीवन में अनेकों बदलाव लाने पड़ते हैं और यदि परंपरा का पालन ठीक रूप से नहीं किया जाता तो प्रत्येक गुरु को अपने शिष्य को आश्रम से निष्कासन करने का पूर्ण अधिकार है। शिष्य शुभम शर्मा का आचरण व्यवहार दिन प्रतिदिन संत परंपरा के खिलाफ होता जा रहा था। इसलिए उनको जगद्गुरु रामानुज आश्रम से हमेशा के लिए निष्कासित कर दिया गया है।