हरिद्वार, 8 नवम्बर- कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल में श्री गुरू नानक देव का 553वां प्रकटोत्सव श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस अवसर पर अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव ंिसह महाराज के सानिध्य में गुरूग्रंथ साहिब का पाठ व शबद कीर्तन का आयोजन किया गया। उपस्थित श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरू नानक देव में बाल्यवस्था से ही आध्यात्मिक रूचियां प्रकट होने लगी थी। संसार को परमात्मा से जोड़ने व सत्य का ज्ञान देने के लिए उन्होंने चारों दिशाओं में विशेष यात्राएं की। गुरूनानक देव ने संसार को संदेश दिया कि एक निराकार परमात्मा ही अविनाशी है। परमात्मा के अलावा सृष्टि की शेष समस्त रचनाएं नाशवान हैं। माया से निर्लिप्त व विकारों से विरत होकर मनुष्य को परमात्मा से प्रेम करना चाहिए। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि गुरू नानक देव ने समाज को समरसता का संदेश दिया। समाज में फैली भ्रांतियों व भेदभाव को दूर किया। उन्होंने समाज में समानता को परमात्मा के न्याय के रूप में स्थापित किया। गुरू नानक देव का मानना था कि जहां समानता, सभी के सहयोग का भाव है, वहां परमात्मा की कृपा बरसती है। सभी को गुरू नानक देव के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कहा कि गुरू नानक देव ने सरल, सहज दर्शन से पाखण्ड, कुरीतियों व भेदभाव को दूर किया। उन्होंने समाज को सद्गुणों को धारण कर मानव जीवन का सद्पयोग करने का संदेश दिया। इस अवसर पर महंत हरदेव सिंह, महंत हरबीर सिंह, बाबा निक्कुदास उदासीन, महंत निर्भय सिंह, महंत मनप्रीत सिंह, महंत गुरमीत सिंह, महंत खेम सिंह, संत जरनैल सिंह, संत मोहन देव, संत गुरप्रीत ंिसंह, संत हरजोध सिंह, संत गज्जन सिंह, संत जसकरण सिंह व बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *