देहरादून – मुख्य चिकित्साधिकारी ने अवगत कराया है कि 25 अपै्रल 2023 को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। मुख्य चिकित्साधिकारी ने मलेरिया से बचाव एवं लक्षण तथा उपचार की जानकारी देतेे हुए बताया कि यह मादा ऐनाफिलीज मच्छर, मलेरिया के रोगी को काटने के बाद मलेरिया के कीटाणु स्वस्थ मनुष्य तक पहुँचाती है।
इसमें सर्दी व कम्पन के साथ एक दो दिन छोड़कर बुखार आता है। अचानक बहुत ठण्ड लगकर तेज बुखार और दाँत का बजना, रोगी बहुत ओढ़ावन ओढ़ना चाहता है। शरीर में जलन, सिर व बदन दर्द, फिर पसीना आकर बुखार का उतरना, बुखार उतरने के बाद थकावट व कमजोरी होना इसके लक्षण है।
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि मलेरिया होने पर खून की जाँच करायें, सभी राजकीय स्वास्थ्य केन्द्रों/चिकित्सालयों में मलेरिया की जांच एवं उपचार निःशुल्क किया जाता है। खून में मलेरिया के कीटाणु होने पर डॉक्टर/स्वास्थ्य कार्यकर्ता से मूल उपचार अवश्य करायें। इलाज/ सलाह के लिए नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र/ चिकित्सालयों में तुरन्त सम्पर्क करें।
मलेरिया का मच्छर घर के आस-पास रूके हुये गन्दे पानी में पनपता है। नालियों में कीटनाशक का छिड़काव करें और आस-पास सफाई रखें।पानी के बर्तन/ड्रम /टंकी आदि को ढ़ककर रखें तथा गमलों आदि में पानी एकत्र न होने दें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में कीटनाशक दवा का छिड़काव करें। कूलर/पानी की टंकी एवं फ्रिज के पीछे की ट्रे का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें/ साफ करें। जहाँ पर पानी निकासी न हो वहाँ पर एकत्र पानी में जला मोबिल ऑयल/मिट्टी का तेल डाल दें।
जानकारी देते हुए बताया कि गर्भवती महिला एवं 1 साल से छोटे बच्चों को डाक्टर की सलाह अनुसार ही दवा दें। खाली पेट दवा न लें तथा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें।
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