हरिद्वार, 23 फरवरी। श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के आचार्य महामण्डलेश्वर एवं श्री दक्षिण काली पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि जगजीतपुर में स्थापित किया जा रहा गुरूकुल सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में मील का पत्थर सबित होगा। गुरूकुल के विद्यार्थी धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करते हुए देश के विकास में योगदान देंगे। स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने बताया कि 1 मार्च से 30 अप्रैल तक विद्यार्थी गुरूकुल में प्रवेश ले सकेंगे। गुरूकुल के विद्यार्थियों को वैदिक शिक्षा के साथ अंग्रेजी विषय की शिक्षा भी दी जाएगी। गुरूकुल की सभी व्यवस्था विद्यार्थी ही संभालेंगे। विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ आवास, भोजन, वस्त्र आदि की सुविधा निःशुल्क दी जाएगी। हरिद्वार में गुरूकुल शुरू करने के बाद अन्य राज्यों में भी इसकी शाखाएं खोली जाएंगी। गुरूकुल से निकलने वाले कुछ विद्यार्थी गृहस्थ जीवन में प्रवेश करेंगे तो कुछ सन्यास धारण कर सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में योगदान करेंगे। जबकि कुछ विद्यार्थी केंद्र व राज्य सरकार की सेवाओं में रहकर देश व प्रदेश के विकास में योगदान देंगे। उन्होंने कहा कि गुरूकुल की स्थापना से वैदिक संस्कृति व पंरपरांएं मजबूत होंगी। सभी को इसमें सहयोग करना चाहिए। इस अवसर पर गुरूकुल के प्रबंधक आशुतोष, स्वप्ना, रामसिंह, स्वामी अवंतिकानंद ने बताया गुरूकुल स्थापना की सभी तैयारी कर ली गयी हैं। एक मार्च से प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।