हरिद्वार-दिनांक 6 अगस्त 2024 को वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, नई दिल्ली की गुप्त
सूचना के आधार पर हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान हेतु टीम गठित की
गई। जिनके द्वारा हरिद्वार जनपद के अन्तर्गत संदिग्ध व्यक्तियों से पूछ-ताछ, तलाशी अभियान चलाया
गया। तलाशी अभियान में मुख्य अभियुक्त आफताब पुत्र भूरा निवासी जिला रामपुर तहसील व थाना
मिल्क मोहल्ला नसीराबाद, उत्तर प्रदेश हाल निवास-विष्णु घाट नियर हर की पेड़ी की तलाशी लेने पर
उसके पास से 285 नग हत्था जोड़ी (   मॉनिटर लिजार्ड का अंग) बरामद किये गये। गिरफ्तार अभियुक्त
की जांच-पड़ताल पर उसके अन्तर्राज्यीय/कई राज्यों के वन्यजीव तस्करों के साथ सम्मिलित होने की
जानकारी प्राप्त हुई है। मॉनिटर लिजार्ड भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित 2023
के अनुसूचि-1 में दर्ज है। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा गहन
जांच/सर्च अभियान चलाया जा रहा है। प्रकरण में अभियुक्त के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की
धारा 9/51 में केस दर्ज कर कार्यवाही की जा रही है तथा गिरफ्तार अभियुक्त को जिला कारागार हेतु
निरूद्ध किया गया है।
गठित टीम के सदस्य निम्न प्रकार थे –
श्रीमती सन्दीपा शर्मा उप प्रभागीय वनाधिकारी हरिद्वार, श्री शैलेन्द्र सिंह नेगी वन क्षेत्राधिकारी
हरिद्वार, श्री ओम प्रकाश वर्मा प्रभारी, प्रभागीय वन सुरक्षा बल हरिद्वार, श्री गजेन्द्र सिंह वन दरोगा,
श्रीमती शैलजा वन दरोगा, श्रीमती विनिता पाण्डेय वन दरोगा, श्री नरेश कुमार वन आरक्षी, श्री विपिन
चन्द्र वन रक्षक, श्री राहुल नेगी, वन आरक्षी, श्री उमेश सिंह राजपूत वन आरक्षी, श्रीमती रूपा सैनी वन
आरक्षी, , वन आरक्षी, श्री उमेश सिंह राजपूत वन आरक्षी, श्रीमती रूपा सैनी वन
आरक्षी, श्री राहुल उपनल कर्मी, श्री अंकित रावत उपनल कर्मी, श्री भोलाराम उपनल कर्मी, श्री ताजवर
उपनल कर्मी।
अपील -प्रभागीय वनाधिकारी, हरिद्वार वन प्रभाग द्वारा सर्वसाधारण से अपील की जाती है कि वन्यजीवों
एवं वन्यजीवों के अंगो की तस्करी वन अपराध की श्रेणी के अन्तर्गत आता है। कुछ व्यक्तियों द्वारा
लोगों को गुमराह कर वन्य जीव के अंगों का पूजा-पाठ आदि में उपयोग किये जाने की सलाह दी
जाती है, जो कि भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथासंशोधित 2023 के अन्तर्गत दण्डनीय
अपराध है। अगर कोई व्यक्ति उक्त अवैध गतिविधि में संलिप्त पाया जाता है तो उसकी सूचना वन विभाग या निकट वन चोकी को दे.   

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