श्रीमद्भागवत कथा श्रवण से होता है मन का शुद्धिकरण- नरेश चन्द्र शास्त्री
हरिद्वार, 8 अगस्त। श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। जिससे वह स्वयं को सबल बना कर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। जो श्रद्धालु भक्त श्रीमद् भागवत कथा के ज्ञान को अर्जित कर लेते हैं। उनका जीवन सफल हो जाता है। जगजीतपुर स्थित श्री प्राचीन सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दूसरे दिन श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए कथा व्यास भागवताचार्य नरेश चन्द्र शास्त्री ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा में सकाम कर्म, निष्काम कर्म, ज्ञान साधना, सिद्धि साधना, भक्ति, अनुग्रह, मर्यादा, निर्गुण, सगुण रहस्य का समन्वय उपलब्ध होता है। यह विद्या का अक्षय भंडार है और सभी वेदों का सार इसमें निहित है। जो श्रद्धालु भक्त श्रीमद् भागवत कथा से प्राप्त ज्ञान के निमित्त अपने व्यवहारिक जीवन को ढाल लेते हैं। वह परमात्मा के अत्यंत करीब होते हैं और परमात्मा की विशेष कृपा उन पर बरसती है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा अति दुर्लभ है। सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही कथा श्रवण का अवसर प्राप्त होता है। कथा के मुख्य यजमान कुलदीप वालिया ने कहा कि काफी समय से उनकी मनोकामना थी कि वह इस आयोजन के भागी बने। आज भगवान की विशेष कृपा उन पर हुई और उन्होंने श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन का सौभाग्य प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। इसलिए सद्गुरु की पहचान कर और उनका अनुकरण एवं निरंतर हरि स्मरण करते हुए भागवत कथा श्रवण करने की आवश्यकता है। श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का अलौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। इसीलिए सभी को समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। इससे परिवारों में उच्च संस्कारों का निर्माण होता है और सुख समृद्धि का वास होता है। इस अवसर पर यज्ञाचार्य पंडित पंकज जोशी, पार्षद विकास कुमार, अनिल मिश्रा, नितीश चैधरी, रजनी वालिया, रेखा, रितिका, ख्याति जौहरी, स्वाति, अनुष्का, सुनीता, नीलम, पूनम, कौशल, शिवानी जौहरी, रश्मि जौहरी, पुष्पा, सोनिका, उषा, ब्रजेश आदि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।