देहरादूनः राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण कार्यालय सभागार में आज पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें प्राधिकरण के चेयरमैन चेयरमैन डीके कोटिया और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र सिंह चौहान ने मीडिया को संबोधित किया।
मीडिया को संबोधित करते हुए एसएचए के चेयरमैन डीके कोटिया ने कहा कि योजना के अंतर्गत वर्तमान में प्रदेश भर में अभी तक कुल 47.32 लाख आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। योजना के लाभ की बात करें तो 5.17 लाख बार लाभार्थी मुफ्त उपचार सुविधा का लाभ ले चुके हैं। उक्त लाभार्थियों की विभिन्न व्याधियों के उपचार करने में सरकार का 868 करोड़ की धनराशि व्यय की जा चुकी है। राज्य स्वास्थ्य योजना में सरकारी अधिकारी/कर्मचारियों व पेंशंन धारकों के उपचार पर होने वाले खर्च की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। योजना के अंतर्गत 25 प्रमुख बीमारियों हेतु 1600 पैकेजों के माध्यम से उपचार की व्यवस्था है।
आयुष्मान योजना के अंतर्गत प्रदेश में कुल 232 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। जिसमें 102 सरकारी और 130 निजी अस्पताल शामिल हैं। प्रदेश के बाहर 28 हजार अस्पताल आयुष्मान योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों के भुगतान के मामले में गलत बिल प्रस्तुत करने वाले 37 अस्पतालों को डी इंपैनल्ड किया जा चुका है। इसमें कुल 60 करोड़ के गलत दावों को अस्वीकृत किया गया ।
बंद अस्पतालों को भुगतान किए जाने के सवाल पर चेयरमैन ने कहा कि संचालित अस्पतालों को भी भुगतान के लिए लंबी व पारदर्शी प्रक्रिया से गुंजरना पड़ता है। बंद अस्पतालों को भुगतान का तो यहां कोई रास्ता ही नहीं है। यह बात तो संभव ही नहीं है। एक सवाल के जबाब उन्होंने कहा कि निगम व अशासकीय कार्मियों को राज्य स्वास्थ्य योजना में शामिल करने की प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही उन्हें गोल्डन कार्ड का लाभ मिल जाएगा।
पत्रकार वार्ता में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूणेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश मेें आयुष्मान योजना के तहत कार्ड बनाने का अभियान तेजी से चलाया जा रहा है। अब लाभार्थी को लैमिनेटेड कार्ड दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना में प्रदेश से बाहर आसाम, बिहार, चंडीगढ़, गोवा, दादर नागर हवेली, गुजरात, महाराष्ट्र, पंजाब आदि प्रांतों में भी प्रदेश के करीब 21 हजार लाभार्थियों ने निशुल्क उपचार लिया है। जिसमें करीब 43 करोड़ का खर्च आया है।
गोल्डन कार्ड पर उन्होंने कहा कि 4.38 लाख गोल्डन कार्ड धारक हैं। इसमें आईपीडी में 29500 तथा ओपीडी में 20 हजार बार लाभार्थियों ने उपचार लिया।