हरिद्वार/ श्री गणेश जोशी मा0 मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण, सैनिक कल्याण एवं ग्राम्य विकास विभाग मंगलवार को हरिद्वार भ्रमण पर पहुंचे, जहां उन्होंने पतंजलि योगपीठ के फेज-1 स्थित सभागार में कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में मा0 मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण को आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि द्वारा कृषि एवं उद्यान के क्षेत्र में किये गये कार्यों के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी।
बैठक को सम्बोधित करते हुये मा0 कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी ने कहा कि पतंजलि ने बहुत कम समय में कृषि के क्षेत्र में, अपनी मेहनत से विश्व में उल्लेखनीय स्थान बनाया है। उन्होंने कहा कि आज जैविक कृषि के क्षेत्र में हमारे पास असीम सम्भावनायें हैं, जिससे हमें पलायन को रोकने में भी काफी मदद मिलेगी।
मा0 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का उल्लेख करते हुये उन्होंने कहा कि मा0 प्रधानमंत्री जी हर समय किसानों की आय दोगुना करने के लिये चिन्तित रहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों को हर सम्भव मदद करते हुये, किसानों की आय दोगुना करने की ओर निरन्तर अग्रसर है।
मा0 कैबिनेट मंत्री ने उत्तरकाशी जिले का जिक्र करते हुये कहा कि उत्तरकाशी जिले में पैदा होने वाला सेब, हिमाचल प्रदेश से भी गुणवत्ता में अच्छा है। इसलिये उसकी ब्राण्डिंग आदि के क्षेत्र में भी गंभीरता से सोचने के साथ ही इसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि इसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाये ।
मा0 मंत्री, कृषि एवं कृषक कल्याण ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे आगामी 100 दिनों का एक रोडमैप तैयार करके प्रस्तुत करें। उत्तम खेती मध्यम बान………..कहावत का जिक्र करते हुये उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड की खेती नम्बर-एक पर हो। उन्होंने कहा कि सभी पहलुओं का ध्यान रखते हुये, इस ओर आपको लगन एवं मेहनत से कार्य करना है।
बैठक में बोलते हुये आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि पतंजलि एग्रीकल्चर, हार्टीकल्चर, फ्लोरीकल्चर आदि क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिये निरन्तर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि विगत 12 वर्षों से पतंजलि बायो रिसर्च सेण्टर के रूप में कार्य कर रहा है। उन्होंने जैविक खेती का जिक्र करते हुये कहा कि वर्ष 2009 से ही हमने जैविक खेती की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि रासायनिक खेती से हमें फायदे के साथ ही नुकसान भी हुआ है, क्योंकि कहीं-कहीं पर रासायनिकों का असन्तुलित प्रयोग हुआ है, जिसकी वजह से खेती का नुकसान भी पहुंचा है। उन्होंने कहा कि आज समय की मांग है कि आर्गनिक फार्मर ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाना बहुत आवश्यक है, क्योंकि किसानों को जैविक खेती के प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि हम जैविक के क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिये हर सम्भव मदद कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम किसानों को योग कराने के साथ ही साथ जैविक खेती के सम्बन्ध में भी चर्चा करते है।
आचार्य बाल कृष्ण ने कहा कि हमें अपनी मानसिकता को बदलना है। फसल उगाने की लागत कैसे कम कर सकते हैं, इस ओर भी हमें ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसानों में जैविक खेती के प्रति जागरूकता बढ़ाते हुये, उन्हें इस ओर अग्रसर करना है। उन्होंने कहा कि किसान जैविक का महत्व समझते हुये सबसे पहले अपने घर के लिये जैविक उत्पाद उगाना शुरू करे, जिसकी वजह से धीरे-धीरे जैविक खेती का महत्व समझते हुये उसका रूझान रासायनिक खेती की ओर कम होगा। उन्होंने कहा कि हमें जी0आई0 टेगिंग की ओर भी ध्यान देना चाहिये।
बैठक में मृदा परीक्षण, मार्केटिंग, ब्राण्डिंग आदि के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ।
मा0 कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी का पतंजलि परिसर पहुंचने पर भव्य स्वागत व अभिनन्दन किया गया।
इस अवसर पर कृषि निदेशक श्री गौरी शंकर आर्य, उद्यान निदेशक डॉ0 एच0एस0 बावेजा, एम0डी0 आर्गनिक बोर्ड श्री विनय कुमार, परियोजना निदेशक श्री विक्रम सिंह, संयुक्त निदेशक कृषि श्री दिनेश कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी श्री विजय देवराड़ी, मुख्य उद्यान अधिकारी श्री नरेन्द्र यादव, सहायक परियोजना निदेशक सुश्री नलनीत घिल्डियाल सहित पतंजलि के पदाधिकारीगण सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।