देहरादून। धर्मपुर डाण्डा बद्रीश कालोनी में जमीन का मामला एक बार फिर उछल गया है। इस भूमि पर कब्जाधारी दलित विनोद कुमार का आरोप है कि कुछ राजनीतिक लोग और दबंगों की नजर उनकी जमीन पर है। उनका आरोप है कि दबंगों ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए धारा 144 और कोविड नियमों की परवाह भी नहीं की। उनके अनुसार नगर निगम और पुलिस बल को माध्यम बनाकर दबंगों ने मंगलवार को उनकी जमीन को कब्जाने की कोशिश की।
शहर के एक रेस्तरां में आयोजित प्रेसवार्ता में पीड़ित विनोद कुमार ने कहा कि उनकी भूमि का मामला अदालत में लंबित है। विनोद का आरोप है कि मंगलवार को बड़ी संख्या में लोग, नगर निगम की टीम और नेहरू कालोनी पुलिस थानाध्यक्ष प्रदीप चौहान पहुंचे और उनकी भूमि की दीवार और भवन को नुकसान पहुंचाया। सूचना मिलने पर उनके वकील विकेश सिंह नेगी ने भूमि संबंधी दस्तावेज लेकर मौके पर पहुुंचे। जमीन के दस्तावेज दिखाने के बाद एक बार फिर नगर निगम की टीम और पुलिस बल मौके से बैरंग लौट गया। विनोद का आरोप है कि यह कार्रवाई क्षे़त्रीय पार्षद कमली भट्ट के इशारे पर की गयी। उनके मुताबिक भाजपा नेत्री पहले भी इस भूमि पर कब्जा करने की कोशिश कर चुकी है और इसमें कामयाब नहीं हुई। पार्षद होने के कारण वह राजनीतिक दबाव बना कर नगर निगम की टीम को कब्जा करने के लिए भेज देती है। इस दौरान पार्षद के सहयोगी और दबंग मौके पर मौजूद रहते हैं और वहां रह रहे लोगों को धमकाने का काम करते हैं साथ ही निगम कर्मियों और पुलिस पर भी अनावश्यक दबाव बनाते हैं।
भाजपा के दलित प्रेम पर उठाए सवाल
पीडित विनोद कुमार ने कहा कि एक ओर तो प्रधानमं़त्री नरेंद्र मोदी समेत भाजपाई नेता दलितों का सम्मान करते हैं। उनके घर भोजन करते हैं, उनके चरण धोते हैं तो दूसरी ओर भाजपा के पार्षद और अन्य नेता उनकी जमीन पर तिरछी नजर लगाए हुए हैं। एक दलित व्यक्ति की जमीन को कब्जाने के लिए पार्षद और उनके सहयोग लगातार कोशिश में जुटे हुए हैं।
क्या है पूरा मामला?
मौजा डंाडा धर्मपुर, बद्रीश कॉलोनी, निकट शारदा पब्लिक स्कूल देहरादून में एक जमीन है। विनोद का दावा है कि जमीन पर वह और अन्य कई लोग 1992 से काबिज हैं। इसके साथ ही कई अन्य लोग पिछले 8-10 साल से काबिज है। उनका आरोप है कि इस भूमि पर स्थानीय भाजपा से पार्षद कमली भट्ट और उनके सहयोगियों की नजर है। यह लोग कई बार उनकी भूमि पर कब्जे का प्रयास कर चुके हैं। पार्षद कमली भट्ट व उसके साथ अन्य कुछ लोगों द्वारा द्वारा मुझे व जमीन पर काबिज अन्य लोगों को लंबे समय से परेशान किया जा रहा है। आए दिन दबंग वहां पहुंच कर जमीन पर रह रहे लोगों को धमकाने के साथ मारपीट भी करते हैं। विनोद का कहना है कि विरोध करने पर कई बार उनके साथ भी मारपीट हो चुकी है।
पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध
विनोद का आरोप है कि वह इस संबंध में कई बार नेहरू कालोनी पुलिस के पास शिकायत करने भी गये लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण उनकी सुनवाई नहीं हुई। कई बार पुलिसकर्मी रात को उनकी भूमि पर पहुंच कर वहां रह रहे लोगों को डराते-धमकाते हैं। दबी जुबान में पुलिसकर्मी भी यह स्वीकारते हैं कि उन्हें ऊपरी आदेशों का पालन करना होता है। 11 जनवरी को नगर निगम की टीम ने पुलिस बल के साथ मिलकर उनकी भूमि पर कब्जा करने का दूसरी बार प्रयास किया। टीम ने मकानों औश्र लोहे की सुरक्षा बार्ड को तोड़ने लगी। विरोध करने पर पुलिस ने हमारे साथ धक्का-मुक्की और मार-पिटाई की। जिसमें कई लोगों को भी चोटे आई हैं। सभी का मेडिकल कराया गया है।
मामला न्यायालय में विचाराधीन
यह मामला देहरादून सिविल जज सीनियर डिवीजन के न्यायालय में विचाराधीन है। विनोद के अनुसार इस संबंध में उन्होंने नगर निगम के अपर नगर आयुक्त रोहिताश शर्मा, कमली भट्ट, अतुल शर्मा, राकेश डोभाल, राज सिंह रावत आदि को पक्षकार बनाया है। इन सभी लोगों को न्यायालय द्वारा नोटिस भेजे जा चुके हैं। इनमें से किसी के द्वारा भी अभी तक न्यायालय में कोई भी जवाब दाखिल नहीं किया गया है। इसके बावजूद दबंग उनकी जमीन पर कब्जा करने के लिए बार-बार पहुंच जाते हैं।
खसरा नंबर 612 पर निगम का कोई खाता नहीं
विनोद कुमार के अधिवक्ता विकेश सिंह नेगी ने बताया कि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए नगर निगम व पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है। उनके अनुसार जिस खसरा नंबर 612 की बात नगर निगम द्वारा अपना बताने की बात कही जा रही है वह गलत है। क्योंकि 612 खसरा नंबर कई लोगों के नाम दर्ज है और जंगल शाल में दर्ज है। नगर निगम का यहां कोई खाता नहीं है। धर्मपुर डांडा में नगर निगम के नाम पर खाता संख्या 482/1 दर्ज है। इसके अलावा कोई खाता दर्ज नहीं है। नगर निगम की टीम व पुलिस की असंवैधानिक कार्रवाई को लेकर वह न्यायालय को अवगत करायेंगे।
एसटी आयोग ने मांगी रिपोर्ट
उत्तराखंड अनुसूचित जाति आयोग ने डांडा धर्मपुर, बद्रीश कालोनी के दलित विनोद कुमार के साथ मारपीट और जातिसूचक अपशब्दों के प्रयोग को लेकर जिलाधिकारी देहरादून और डीजीपी उत्तराखंड से रिपोर्ट मांगी है। आरोप है कि स्थानीय पार्षद कमली भट्ट उनके सहयोगी अतुल शर्मा और कुछ आसामाजिक तत्वों ने इस घटना को अंजाम देकर भूमि कब्जाने का प्रयास किया। आयोग ने 30 सितम्बर 2021 की घटना को आधार बनाकर यह रिपोर्ट मांगी है। शिकायतकर्ता विनोद कुमार के अनुसार उक्त दिन अतुल शर्मा स्वयं और 8-10 अन्य आसामाजिक लोगों के साथ आया और प्रार्थी की भूमि पर लगे मुख्य गेट पर जोर-जोर से लात मारने लगे और प्रार्थी को जाति सूचक गालियां दी। गेट खुलने के बाद विनोद को लाठी डण्डो से भी पीटा गया। यह मामला अनुसूचित जाति आयोग के पास विचाराधीन है