हरिद्वार समाचार- झारखण्ड आश्रम के परमाध्यक्ष व जूना अखाड़े के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमहंत विद्यानन्द सरस्वती महाराज ने कहा कि मेला प्रशासन उत्तरी हरिद्वार के संत बाहुल्य भीमगोड़ा, खड़खड़ी, भूपतवाला, सप्तऋषि आदि इलाकों की उपेक्षा कर रहा है। कुंभ मेला शुरू होने का समय लगातार नजदीक आ रहा है। संत बाहुल्य क्षेत्र के होने के बावजूद उत्तरी हरिद्वार में अभी तक घाटों के निर्माण व सौन्दर्यकरण का कार्य शुरू नहीं हुआ है। सड़कों की हालत भी बेहद खराब है। क्षेत्र की समस्त सड़कें खुदी पड़ी हैं। सूखी नदी पर पुल के निर्माण के चलते लोगों को आने जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पूरे क्षेत्र में दिन भर जाम की स्थिति बनी रहती है। निरंजनी अखाड़े के वरिष्ठ महाण्डलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि कुंभ मेला हो या कांवड़ मेला भीड़ का सर्वाधिक दबाव उत्तरी हरिद्वार में ही पड़ता है। ऐसे में मेला प्रशासन को सबसे पहले उत्तरी हरिद्वार में पुराने घाटों का सौन्दर्यकरण व मरम्मत, नए घाटों, सड़कों, पुलों का निर्माण सबसे पहले कराना चाहिए था। मेला प्रशासन की ढिलाई व विभिन्न कार्यदायी एजेंसियों के मध्य आपसी समन्वय की कमी के चलते समस्याएं दूर होने के बजाए बढ़ती ही जा रही है। भूमिगत बिजली, गैस, दूरसंचार कंपनियों की केबल बिछाने के लिए खोदी गयी सड़कों की अभी तक मरम्मत तक नहीं हो पायी है। खुदी पड़ी सड़कों में गहरे गड्ढे बन गए हैं, जो दुघर्टनाओं को दावत दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस गति से कुंभ मेला कार्यो हो रहे हैं। उसे देखते हुए कुंभ मेले को लेकर सरकार व मेला प्रशासन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं। कुंभ मेले के दौरान बैरागी कैंप क्षेत्र में हजारों संतों के शिविर स्थापित होते हैं। लेकिन अभी तक न तो भूमि आवंटन किया गया है। ना ही अतिक्रमण हटाया गया है। पूरे इलाके में सड़कों का बुरा हाल है। खुदी पड़ी सड़कों पर दिनभर धूल उड़ती रहती है। जिससे क्षेत्र में रहने वाले लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि कंुभ मेला कार्यो को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया तो संत समाज सड़कों पर उतरने का विवश होगा।