हरिद्वार समाचार– श्री चेतन ज्योति आश्रम एवं युवा भारत साधु समाज ने रामकृष्ण मिशन हाॅस्पिटल को आॅक्सीजन मशीन भेंट की। श्री चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज, युवा भारत साधु समाज के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आनंद गिरी महाराज, राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत शिवानंद, महामंत्री स्वामी रविदेव शास्त्री आदि ने रामकृष्ण मिशन हाॅस्पिटल के संचालक स्वामी नित्यशुद्धानंद को आॅक्सीजन मशीन भेंट की। श्री चेतन ज्योति आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी ऋषिश्वरानन्द महाराज ने कहा कि विश्वव्यापी महामारी कोरोना को नियंत्रित करने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में युद्धस्तर से सुविधाएं अर्जित की जाएं। संत समाज के अलावा सामाजिक संगठन भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं में अपनी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामकृष्ण मिशन कोरोना काल में अनुकरणीय योगदान करता चला आ रहा है। अस्पताल में शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों का उपचार किया जाता है। निस्वार्थ सेवाभाव से किए कार्य अवश्य ही फलदायी होते हैं। स्वामी आनंद गिरी महाराज ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर से स्वास्थ्य सेवाओं में मदद पहुंचा रही है। हमारा भी कर्तव्य बनता है कि स्वास्थ्य सेवाओं की पूर्ति को पूरा किया जाए। कोरोना काल में सभ्रांत नागरिकों को आगे आकर सेवा के कार्यो में अपना योगदान देना चाहिए। अस्पतालों की व्यवस्था को सुचारू रूप प्रदान करने के लिए भरसक मदद करें। रामकृष्ण मिशन अस्पताल के संचालक नित्यशुद्धानंद महाराज सेवा के कार्यो के लिए जाने जाते हैं। उनके द्वारा अनेकों जरूरतमंदों की सेवा भी की जा रही है। स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि रामकृष्ण मिशन अस्पताल अर्से से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को उत्कृष्ट सेवाएं देता चला आ रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों का पालन सभी को करना चाहिए। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारें स्वास्थ्य सेवाओं में आमूलचूल परिवर्तन कर रही हैं। चिकित्सक भगवान का स्वरूप हैं जो अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना मरीजों के उपचार में जुटे हुए हैं। स्वामी नित्यशुद्धानंद महाराज ने कहा कि अस्पताल में प्रत्येक वर्ग के लोग इलाज के लिए आते हैं। मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराना ही अस्पताल का उद्देश्य है। कोरोना काल में मरीजों की सेवा के लिए अस्पताल में विशेष व्यवस्थाएं की गयी हैं। इस अवसर पर महंत शिवानंद, संत जगजीत सिंह, महंत कामेश्वर पुरी, स्वामी हरिहरानंद, महंत दिनेश दास, महंत राजेंद्र दास, महंत श्रवण मुनि, महंत सुमित दास, महंत रामजी दास, महंत सुतीक्षण मुनि, स्वामी कृष्णानंद, स्वामी अनंतानंद, महंत सूरज दास आदि संतजन मौजूद रहे।