हरिद्वार समाचार-अयोध्या पीठ के जगद्ुगुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामचार्य महाराज ने कहा है कि कुंभ मेला भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का सबसे बड़ा पर्व है जो सनातन धर्म की पताका को विश्व भर में फहराता है। बैरागी कैंप स्थित शिविर में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए जगद्गुरू रामानंदाचार्य स्वामी रामचार्य महाराज ने कहा कि कुंभ मेले के दौरान पतित पावनी मां गंगा में स्नान करने से आत्मा को उच्च लोको की प्राप्ति सहजता से हो जाती है। कुंभ का स्नान साक्षात स्वर्ग दर्शन के समान है। उन्होंने कहा कि अपनी परंपराओं का भली-भांति निर्वहन करते हुए वैष्णव अनी अखाड़े संपूर्ण संसार में धर्म व अध्यात्म का ज्ञान प्रसारित कर रहे हैं और महापुरुषों ने सदैव समाज को नई दिशा प्रदान की है। स्वामी रामचार्य महाराज ने कहा कि पृथ्वी पर आयोजित होने वाले चार कुंभ मेलो में हरिद्वार कुंभ की विशेष मान्यता है। कुंभ के दौरान अमृत समान गंगाजल में आचमन करने के साथ ही श्रद्धालु भक्तों को चार तीर्थों के दर्शन का लाभ भी देवभूमि उत्तराखंड में मिलता है। उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के दौरान मां गंगा की पवित्रता और संतों के दर्शन मे आस्था रखने वाले श्रद्धावान भक्त हरिद्वार खींचे आते हैं और अपने जीवन को कृतार्थ करते हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के बीच कुंभ का भव्य आयोजन संपूर्ण विश्व को धर्म का सकारात्मक संदेश प्रदान कर रहा है। आस्थावान श्रद्धालु भक्त भारतीय संस्कृति की अलौकिक छटा को देख अभिभूत होकर अपने कल्याण का मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। पतित पावनी मां गंगा के आशीर्वाद से कुंभ मेला सकुशल संपन्न होगा। उन्होंने कुंभ मेले के दौरान आने वाले श्रद्धालु भक्तों से अपील करते हुए कहा कि बढ़ती कोरोना महामारी के बीच कोविड-19 दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सभी को अपनी व अपने परिवार की रक्षा करनी चाहिए। इस अवसर पर महंत श्रवण दास, महंत गोपालदास, महंत मदन दास, मनटून दास नागा, मनीष दास, अमरदास, राजेशदास पहलवान, नंदराम दास, हरि भजन दास, द्वारिकादास रजनीश भारती, गुड्डु चैधरी आदि उपस्थित रहे।