हरिद्वार समाचार– अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा है कि भारत के इतिहास में गुरु गोविंद सिंह एक विलक्षण क्रांतिकारी संत व्यक्तित्व है। जो आदर्शवादी होने के साथ-साथ समस्त देश के आध्यात्मिक गुरु थे। जिन्होंने संपूर्ण मानवता को शांति समानता एवं समृद्धि का रास्ता दिखाया। एक्कड़ कलां स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल की शाखा में आयोजित गुरु गोविंद सिंह साहब के 550वें प्रकाशोत्सव पर श्रद्धालु संगत को संबोधित करते हुए श्रीमहंत नरेंद्र गिरी महाराज ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह शांति प्रेम और एकता की मिसाल थे। जिन्होंने समूचे राष्ट्र के उत्थान के लिए संघर्ष के साथ-साथ निर्माण का रास्ता अपनाया उनके आदर्शो को अपनाकर सभी को राष्ट्र निर्माण में अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज ने सदैव समाज का मार्गदर्शन कर कुरीतियों को मिटाकर समाज को नई दिशा प्रदान की। उन्होंने सदा समाज को प्रेम एकता एवं भाईचारे का संदेश दिया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। अखाड़ा परिषद के उपाध्यक्ष महंत देवेंद्र सिंह शास्त्री ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह महाराज ने देश की अस्मिता विरासत और जीवन मूल्य की रक्षा के लिए समाज को नए सिरे से तैयार कर खालसा पंथ के सृजन का मार्ग अपनाया। उन्होंने राजनीतिक एवं सामाजिक विचारों को आकार दिया। ऐसे महापुरुषों को संत समाज नमन करता है। श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत जसविंदर सिंह महाराज ने कहा कि भारत में संस्कार और धर्म स्थापित करने में गुरु गोविंद सिंह महाराज का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनके बलिदान और समर्पण को संत समाज सदैव स्मरण करता रहेगा। गुरु गोविंद सिंह महाराज भक्ति तथा शक्ति के अद्वितीय संगम थे। एकड़ कला शाखा के महंत अमनदीप सिंह महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस अवसर पर महंत कमलजीत सिंह, महंत खेम सिंह, महंत धूनी दास, महंत बाबू सिंह, संत जसकरण सिंह, संत तलविंदर सिंह, संत सुखमनसिंह, संत शशिकांत सिंह, संत निर्भय सिंह, संत विष्णु सिंह, संत रोहित सिंह आदि मौजूद रहे।